किसान संगठनों की मांग- MSP पर अध्यादेश लाए सरकार…कल की बैठक पर नजर
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों पर अड़े किसानों के आंदोलन का आज पांचवां दिन रहा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों पर अड़े किसानों के आंदोलन का आज पांचवां दिन रहा. इस बीच आज यानी शनिवार को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर मीडिया से बातचीत की. किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने पर अध्यादेश लाना चाहिए. आपको बता दें कि किसान संगठन केंद्र सरकार से लगातार फसलों के एमएसपी पर खरीद पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. अब जबकि संसद का बजट सत्र खत्म हो चुका है. ऐसे में संसद से कोई भी कानून नहीं बनाया जा सकता है. यही वजह है कि किसान संगठनों ने ऐसी स्थिति में सरकार से एमएसपी कानून के लिए ऑरडिनेंस लाने की मांग की है।
सरकार ने 23 फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार ने 23 फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की है, लेकिनु केवल दो-तीन फसलें ही खरीदी हैं. उन्होंने कहा कि हम सबसे पहले कॉरपोरेट्स द्वारा फसलों की खरीद में लूट को खत्म करना चाहते हैं. इसलिए अगर सरकार गंभीरता के साथ उपभोक्ता और उत्पादक पर फोकस करे और कॉरपोरेट पर कम ध्यान दे तो इस मुद्दे को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है. आपको बता दें कि किसान संगठन लंबे समय से फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर एक कमेटी का गठन कर उसकी रिपोर्ट पर अमल के माध्यम से मसले के सुलझाना चाहती है, जो किसान संगठन को मंजूर नहीं है. यही वजह है कि किसान नेताओ के साथ तीन दिन चली केंद्रीय मंत्रियों की बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
किसान संगठनों की मांगें-
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हों
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी हो
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
- संविधान की 5वीं सूची को लागू किया जाए
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