इसके अलावा, धारा 500 और 501 भी झूठे आरोप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए प्राधिकृति प्रदान करती हैं।ये धाराएँ विभिन्न प्रकार के झूठे आरोप को दंडित करने के लिए सजा प्रदान करती हैं, जिसमें कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा शामिल हो सकती है।
झूठा चोरी का आरोप लगाने वाले पर कानून में कई प्रावधान हैं. भारतीय कानूनी प्रणाली में धारा 211 के तहत झूठा आरोप लगाने पर दोषी को कार्यवाही के लिए सजा हो सकती है. यह धारा झूठे आरोप के लिए जुर्माना और/या सजा प्रदान करने की प्राधिकृति प्रदान करती है. इसके अलावा, धारा 499 भी झूठे आरोप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए प्राधिकृति प्रदान करती है. यह धारा आरोपी को दंडित करने के लिए कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा प्रदान करती है जो अन्य कई नुकसानों के साथ होती है।
इसके अलावा, धारा 500 और 501 भी झूठे आरोप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए प्राधिकृति प्रदान करती हैं. ये धाराएँ विभिन्न प्रकार के झूठे आरोप को दंडित करने के लिए सजा प्रदान करती हैं, जिसमें कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा शामिल हो सकती है. किसी व्यक्ति को झूठे चोरी का आरोप लगाने का प्रयास अपराधिक होता है और ऐसे कार्यों का कड़ा विरोध किया जाता है. ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई होती है और दोषी को कठोर दंड प्रदान किया जा सकता है. कई बार ये दखने को मिलता है कि लोग दूसरों के ऊपर झूठा केस दर्ज करवा देते हैं. इसकी वजह से बेगुनाह को सजा हो जाती है. लेकिन सोचो कि अगर कोई झूठा मुकदमा करवाता है और ये जांच के दौरान पकड़ में आ जाता है तो ये कैसा अनुभव होगा. वहीं इसके अलावा कानून किन धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा और कितनी सजा होगी।
झूठा आरोप लगाने वाले पर कानून द्वारा कई धाराएँ और सजा की प्रावधान की गई है. यहां कुछ मुख्य धाराएँ हैं।
धारा 211 – झूठा आरोप: इस धारा के तहत, झूठा आरोप लगाने पर दोषी को कार्यवाही के लिए जुर्माना हो सकता है।
धारा 499 – झूठा आरोप के लिए दंड: इस धारा के अंतर्गत, झूठे आरोप करने पर अपराधी को कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा हो सकती है।
धारा 500 – झूठे आरोप के लिए दंड: इस धारा के तहत, व्यक्ति को झूठे आरोप के लिए कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा हो सकती है।
धारा 501 – झूठे आरोप के लिए दंड: इस धारा के अंतर्गत, व्यक्ति को झूठे आरोप के लिए कठोर जुर्माना और/या कारावास की सजा हो सकती है।
झूठा आरोप लगाने वाले पर इन धाराओं के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाती है और वह कठोर दंड या कारावास की सजा का सामना कर सकता है।