कुवैत में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। कुवैत के अमीर शेख ने शुक्रवार को देश की संसद को भंग कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमीर ने संसद भंग करने के बाद कुछ सरकारी विभागों को अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके अलावा अमीर ने देश के कुछ कानूनों को भी भंग कर दिया।
कुवैत न्यूज एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रीय असेंबली को भंग करने और संविधान के कुछ लेखों को चार साल से ज्यादा के लिए निलंबित करने के अमीर ने आदेश जारी किए है। इसमें आगे लिखा गया है कि अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर नेशनल असेंबली को अपने हाथों में ले रहे हैं।
बुरे वक्त से गुजर रहा है कुवैत
अमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा कि कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
कई विभागों में बढ़ा भ्रष्टचार अमीर ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश के कई विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात यह है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है।
28 वर्षों में 12 बार संसद भंग 2006 से 2024 के बीच करीब 12 बार कुवैत की जनरल असेंबली को भंग किया जा चुका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत के इतिहास में राजनीतिक उठापटक के कारण चार बार संसद को भंग किया गया है।
कुछ वर्षों से चल रहा राजनीतिक विवाद
कुवैत पिछले कुछ वर्षों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है, लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।