केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि संविधान को कोई खतरा नहीं है। विपक्ष हर बात पर संविधान खतरे में होने का शोर मचा रहा है। विपक्ष थेथरोलॉजी को राजनीतिक फैशन बनाने पर तुला है।उन्होंने कहा कि देश में चुनाव आयोग, संसद और सर्वोच्च न्यायालय जैसी सभी संवैधानिक संस्थाएं जब स्वतंत्र ढंग से काम कर रही हैं। ऐसे में विपक्ष बताए कि संविधान कैसे खतरे में है? उन्होंने कहा पेपर लीक मामले में सरकार ने बहुत कड़े दंड प्रावधान वाला लोक परीक्षा कानून लागू किया।
सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है। सभी संवैधानिक संस्थाएं अपनी मर्यादा में काम कर रही हैं। फिर संसद और इसके बाहर संविधान की प्रति लेकर हंगामा करने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि शासन करने का जनादेश एनडीए को मिला है। सरकार संविधान के अनुसार ही चल रही है, लेकिन जो काम विपक्ष की मर्जी के विपरीत होता है, उसे वे संविधान विरोधी बताने लगते हैं। विपक्ष के इस रवैये से लोकतंत्र कलंकित हो रहा है।