NEET UG 2004 परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द सही नहीं होगा. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले में सुनवाई करने वाली है. उससे पहले केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कहा है कि नीट परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं हैं. ऐसे में पूरी परीक्षा रद्द करना सही नहीं होगा.
सुप्रीम कोर्ट में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि NTA ने भी हलफनामा दायर किया है. NTA ने कहा है कि परीक्षा रद्द करना उन लोगों के करियर की संभावनाओं के लिए भी ठीक नहीं है, जिन्होंने इसे पास कर लिया है.
बता दें कि NEET पेपर लीक, परीक्षा में हुईं गड़बड़ियों और ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कुल 26 याचिकायें दायर की गई हैं. इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होनी है. इसमें से 22 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स, कोचिंग इंस्टीट्यूट और वेलफेयर एसोशिएशन की तरफ से दायर की गई हैं, जो परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से दायर की गयी हैं.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है
“किसी भी अखिल भारतीय परीक्षा में गड़बड़ी के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना सही नहीं है. परीक्षा रद्द करने के फैसले से वैसे लाखों स्टूडेंट के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी गलत तरीके को अपनाए परीक्षा दी.. परीक्षा पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में परीक्षा देने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर रूप से खतरा होगा।”
केंद्र और NTA ने अपने हलफनामे में कहा है कि परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा है. NEET परीक्षा 5 मई को हुई थी. इसका रिजल्ट आने के बाद से ही पेपर लीक और गड़बड़ियों के आरोप लगे. 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने पर भी विवाद हुआ.NTA ने इन कैंडिडेट्स की परीक्षा रद्द कर दी और फिर से एग्जाम लिया. फिर देश में तीन बड़ी परीक्षाएं- NCET, UGC NET और CSIR UGC NET कैंसिल की गईं. 6 जुलाई से NEET काउंसलिंग शुरू हो रही है और सुप्रीम कोर्ट ने पहले की सुनवाई में काउंसलिंग रोकने का आदेश देने से इंकार कर दिया है.
NTA ने कहा- रद्द नहीं हो परीक्षा
सुप्रीम कोर्ट में NTA ने कहा है कि NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करना जनहित के खिलाफ होगा. पेपर लीक की कथित घटनाओं का परीक्षा के ऑपरेशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. इस एग्जाम को पूरी निष्पक्षता और गोपनीयता के साथ कराया गया है। एग्जाम के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ियों और अनियमितताओं के दावे पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं.. इनका कोई आधार नहीं है.
हालांकि नीट परीक्षा फिर से आयोजित करने यानि ReNEET के खिलाफ गुजरात के 56 छात्रों ने भी 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इन स्टूडेंट्स का कहना है कि ज्यादातर ने दो साल की कड़ी मेहनत और 100% लगन के साथ एग्जाम दिया था. ऐसे में दोबारा NEET एग्जाम कराना स्टूडेंट्स के हित में नहीं है. ये आर्टिकल 14 और 21A के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की कथित गड़बड़ी के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है और उसे व्यापक जांच करने के लिए कहा गया.. कोर्ट को यह भी बताया गया है कि NTA ने परीक्षाओं के प्रभावी, सुचारू और पारदर्शी संचालन का तरीका सुझाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है और जनता से सुझाव मांगे गये हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोर्ट से ये भी कहा है कि परीक्षाओं में धोखाधड़ी और पेपर लीक से निपटने के लिए सख्त कानून 21 जून से ही लागू हो गया है.
बता दें कि NEET परीक्षा पर लगातार हो रहे विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को राज्यसभा में कहा था कि ‘पेपर लीक का मुद्दा बेहद संवेदनशील है. विपक्ष ने पेपर लीक पर राजनीति की है. लेकिन मैंने जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए खुली छूट देकर रखी है. सरकार कहीं भी टांग नहीं अड़ाएगी. कोई भी भ्रष्टाचारी बचकर नहीं निकलेगा, ये मोदी की गारंटी है.