बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ तो केके पाठक से भी एक कदम आगे निकल गए हैं। इस बार उन्होंने सरकारी स्कूलों में नामांकन को आसान बनाने के लिए अलग ही तरकीब लगा दी।
सरकारी स्कूल में नामांकन में ली जाएगी इन लोगों की मदद
राज्य के सरकारी विद्यालयों से बाहर के बच्चों के नामांकन में जीविका दीदी से लेकर मुखिया, सरपंच और पंच से मदद ली जाएगी। बच्चों के नामांकन में पोषक क्षेत्र में अवस्थित आंगनबाड़ी की सेविका, शिक्षा सेवक (टोला सेवक), शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज), विकास मित्र और वार्ड सदस्य का भी सहयोग लिया जाएगा। बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जून-जुलाई तक जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विद्यालय स्तर पर अभियान चलाया जाए।
डा.एस. सिद्धार्थ ने अधिकारियों को दिए निर्देश
इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.एस. सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र के जरिये निर्देश दिया है। इस निर्देश में कहा गया है कि नामांकन के क्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे। सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय के प्रधान शिक्षक की होगी। प्रत्येक नामांकित बच्चे की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय से संबद्ध शिक्षा सेवक (टोला सेवक), शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) की होगी। इसके लिए विद्यालय के प्रधान शिक्षक शिक्षा सेवक से समन्वय स्थापित करेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक विद्यालय से कोई न कोई शिक्षा सेवक अवश्य संबद्ध रहे। यदि किसी कारणवश बच्चा नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सके तो भी उनका नाम नामांकन पंजी से हटाया न जाए।
तीन दिन स्कूल में अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के घर जाना होगा
ऐसी स्थिति में यह ध्यान रखा जाए कि यदि तीन दिन तक कोई बच्चा विद्यालय नहीं आता है तो संबंधित प्रधान शिक्षक, वर्ग शिक्षक एवं शिक्षा सेवक बच्चे के अभिभावक से संपर्क कर बच्चे के विद्यालय नहीं आने का कारण पता करेंगे एवं बच्चे को पुनः विद्यालय भेजने के लिए अभिभावक को प्रेरित करेंगे।
विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों के आवासन में परिवर्तन होने की स्थिति में ही अभिभावक के अनुरोध पर नामांकन पंजी से बच्चे का नाम हटाया जाए। अन्य कारण से नामांकन पंजी से बच्चे का नाम हटाने से पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक होगा। आवश्यकतानुसार विद्यालय स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में विशेष प्रशिक्षण (ब्रिज कोर्स) का संचालन किया आए।