आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट और अभद्रता करने के आरोप में सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद विभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। इस याचिका पर आज ही सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं, दिल्ली के डीसीपी नार्थ आफिस मे दिल्ली पुलिस की हाई लेवल मीटिंग चल रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर के OSD मनीषी चंद्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद हैं। थोड़ी देर में अरविंद केजरीवाल पीसी करने वाले हैं।
दिल्ली पुलिस आज ही विभव कुमार को कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड की मांग करेगी। विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है। विभव कुमार की तरफ से वकील वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने दलील रखना शुरू किया। वकील हरिहरन विभव कुमार की ओर से पेश हो रहे हैं। वकील ने कहा – शनिवार को हमें आपको परेशान करना पड़ा क्योंकि ऐसी स्थिति बनी। विभव पुलिस स्टेशन में मौजूद हैं। 12 बजे से वो वहां हैं और गिरफ्तारी की आशंका है।
वकील – कोई नोटिस इस केस में आरोपी को नहीं दिया गया।
वकील हरिहरन ने कहा जो आरोप लगा है उनपर कोई विश्वास नहीं कर सकता है।
अभी विभव की स्थिति क्या है उसके बारे में हमको नहीं पता है, हमको आशंका है कि उनको गिरफ्तार किया जा सकता है।
वकील- स्वाति मालीवाल जो आरोप लगा रही है, वो समझ से परे है। विभव ऐसे मारपीट क्यों करना शुरू कर देगा, ये समझ से परे है!
वकील- CM के निवास स्थान पर कोई ऐसी हरकत क्यों करेगा जैसा आरोप मालीवाल ने लगाया है।
वकील हरिहरन ने कहा कि सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे अगर स्वाति के साथ कोई मारपीट होती तो वह चिल्लाती, अगर वह चिल्लाती तो वहां मौजूद लोग सुनते।
वकील हरिहरन ने कहा कि जहां पर घटना हुई है वहां पर CCTV मौजूद था। CM से मुलाक़ात के लिए ज़रूरी है कि पहले अपॉइंटमेंट लिया जाए लेकिन स्वाति सीधे CM आवास में पहुंच गई जो की सीधा CM की सुरक्षा में सेंध है।
अदालत में 13 मई की सीसीटीवी दिखाई गई जिसमे स्वाती मालवाल को सीएम के घर से बाहर सिक्युरिटी पर्सनल लेकर जा रहे हैं।
जज को स्वाति मालीवाल के CM आवास से बाहर निकलने का CCTV वीडियो दिखाया गया।
सीसीटीवी देखकर जज ने कहा कि स्वाति मालीवाल कुर्ती पहने हुए है उसमें कोई बटन नहीं है, तो बटन तोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
सरकारी वकील ने कोर्ट मे ंकहा-
एक तरफा पिक्चर दिखाई जा रही है, शिकायतकर्ता के 164 के बयान हुए है।
बिना जांच अधिकारी का जवाब आये बिना कोर्ट को कोई राहत देने का फैसला नही करना चाहिए।
मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं-विभव
बता दें कि कस्टडी में लिए जाने से पहले विभव कुमार ने दिल्ली पुलिस को एक ईमेल भेजा था. जिसमें उन्होंने पुलिस से कहा है कि “वह जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। विभव ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए मेरे खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की जानकारी मिली है और मैं पूछताछ के लिए जांच में सहयोग करूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि मैंने भी 13 मई को हुई इस घटना को लेकर शिकायत की है, जिस पर दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।”
गिरफ्तार करनेके बाद दिल्ली पुलिस विभव को लेकर सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन पहुंची है। पुलिस ने स्वाति मालीवाल केस में 10 टीमों का गठन किया था, जिसमें से 4 टीमें विभव की लोकेशन का पता लगा रही थीं क्योंकि कहा गया था कि विभव शहर में मौजूद नहीं हैं।