उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है. केदारनाथ धाम के पास हिमस्खलन हुआ है. गांधी सरोवर के पास बर्फ का पहाड़ भरभराकर गिरते हुए दिखता है, जिसे देखकर मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं की सांसें थम गई हैं. वे बुरी तरह से डर गए कि कहीं ये एवलॉन्च उनकी ओर न आ जाए. केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर रहे श्रद्धालु दूर से आते तूफान को एकटक देखते रहे. उनकी धड़कनें बढ़ गईं. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है.
रविवार सुबह इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया. गांधी सरोवर के ऊपर ऐसा लगा कि मानो जैसे बर्फ की नदी बह रही हो. बर्फ का सैलाब केदारनाथ धाम की ओर बढ़ते हुए दिखता है. ऐसा लग रहा था कि इस हिमस्खलन की चपेट में केदारनाथ धाम भी जा जाएगा. लेकिन गनीमत ये रही कि ऐसा नहीं हुआ.
किसी के हताहत नहीं होने की खबर
केदारनाथ धाम के पास हुए इस हिमस्खलन ने हर किसी को डरा दिया. मौके पर मौजूद श्रद्धालु गिरते बर्फ के पहाड़ को देखकर डर गए. एक पल के लिए उनको लगा कि ये बर्फ का सैलाब उनकी ओर न आ जाए. हालांकि ऐसा नहीं हुआ है. मौके पर मौजूद सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. केदारनाथ धाम में किसी संपत्ति को भी नुकसान नहीं हुआ है.
क्या होता है हिमस्खलन?
हिमस्खलन को इंग्लिश में एवलांच कहते हैं. यह तब आता है जब ऊंची पहाड़ी चोटियों पर अधिक मात्रा में बर्फ जम जाती है. जब बर्फ के भार का दबाव ज्यादा होने लगता है तो बर्फ अपनी जगह से खिसक जाती है. बर्फ की परतें खिसकती हैं और तेज बहाव के साथ नीचे की ओर बहने लगती हैं. रास्ते में जो कुछ आता है, उसे भी ये बहा ले जाती हैं. यह घटना देखने में ऐसी लगती है जैसे पहाड़ों से बर्फ की नदी बह रही हो.
उत्तराखंड में कब-कब आया एवलांच
– 2021 में त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए नौसेना के 5 पर्वतारोहियों सहित 6 लोगों की मौत
– 2021 में लम्खागा दर्रे में एवलांच से 9 टूरिस्ट्स की मौत
– 2019 में नंदादेवी चोटी के आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से 4 विदेशी पर्वतारोही सहित 8 लोगों की मौत
– 2016 में शिवलिंग चोटी पर 2 विदेशी पर्वतारोहियों की मौत