कोरोना के बाद अगली महामारी ‘मायोपिया’

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कैलिफोर्निया। अगले 25 सालों में दुनिया की 400 करोड़ आबादी आंखों की समस्या से ग्रस्त होगी।नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2050 तक दुनिया की आधी से अधिक आबादी मायोपिया की चपेट में होगी।

यह आंकड़ा अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन ने जारी किया। हालिया शोध के अनुसार, मायोपिया की समस्या अमेरिका समेत दुनिया के अनेक देशों में करीब 25 फीसदी तक बढ़ गया है। मायोपिया की चपेट में अमेरिका की करीब 30 फीसदी आबादी आ चुकी है। इस शोध के आधार पर यदि यह ट्रेंड जारी रहा तो 400 करोड़ की आबादी को लेंस की जरूरत पड़ने वाली है।

कोरोना महामारी के बाद मायोपिया के बढ़ते मामलों को ‘अगली महामारी’ के रूप में देखा जा रहा है, खासकर बच्चों और युवाओं में। यह बढ़ोत्तरी मुख्यतः निम्नलिखित कारणों से हो रही है:

 

  1. स्क्रीन टाइम में वृद्धि: लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बच्चों और वयस्कों ने अधिक समय कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन के साथ बिताया, जिससे उनकी आंखों पर तनाव बढ़ा।

 

  1. बाहरी गतिविधियों की कमी: कोरोना वायरस के कारण बाहर खेलने और प्राकृतिक रोशनी में समय बिताने की गतिविधियाँ काफी कम हो गईं। प्राकृतिक रोशनी का कमी और बाहरी गतिविधियों की कमी नेत्र स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

 

  1. ऑनलाइन शिक्षा: स्कूल और कॉलेज बंद होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन बढ़ा। इसके कारण बच्चों को लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना पड़ा, जिससे मायोपिया के मामले बढ़े।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि मायोपिया की इस वृद्धि को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • बाहरी गतिविधियों को प्रोत्साहन: बच्चों को रोजाना कम से कम 1-2 घंटे बाहर खेलने और प्राकृतिक रोशनी में समय बिताने के लिए प्रेरित करना।
  • स्क्रीन टाइम सीमित करना: बच्चों और युवाओं के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना और नियमित ब्रेक लेना।

  • सही दूरी और रोशनी का ध्यान रखना: पढ़ाई या कंप्यूटर पर काम करते समय उचित दूरी और सही रोशनी का ध्यान रखना।

  • नेत्र व्यायाम: नियमित नेत्र व्यायाम और आंखों की देखभाल को प्रोत्साहित करना।

 

यदि उचित कदम उठाए जाएं तो मायोपिया के मामलों में वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। समय-समय पर नेत्र जांच करवाना और विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

 

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.