कोल इंडिया ने आशीष योजना के तहत 1645 बच्चों को दी छात्रवृत्ति

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कोल इंडिया लिमिटेड ने समाज की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत सीआईएल आशीष (आयुष्मान शिक्षा सहायता) योजना शुरू की है। सीआईएल ने शनिवार को इस योजना के तहत 1645 बच्चों को छात्रवृत्ति दी गई, जबकि अनुकंपा नियुक्ति के तहत 424 लाभार्थियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए हैं।

कोयला मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरा होने के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने इस योजना के तहत 25 बच्चों को छात्रवृत्ति के लिए डमी चेक सौंपे। वहीं, 10 महिला आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र दिए गए।

कोल इंडिया लिमिटेड एएसएचआईएस योजना के तहत पात्र बच्चों को चार साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष 45 हजार रुपये की छात्रवृत्ति देगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ अपने सपनों को साकार कर सकें। मंत्रालय के मुताबिक इन पात्र बच्चों की पहचान विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर की गई है। इस कार्यक्रम में न्यायाधीश, रजिस्ट्री के अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायालय के अधिकारी, अधिवक्ता, कोयला मंत्रालय और कानून और न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधि, सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधन शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान समुदाय की सेवा में कोल इंडिया लिमिटेड के योगदान की बहुत सराहना की गई।

मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत जिन 1645 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, उन्‍होंने कोरोना महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया और अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ थे। कोल इंडिया ने अनुकंपा नियुक्ति के तहत 424 लाभार्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए हैं, जिन्होंने सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया था। ये अनुकंपा नौकरियां संकट के समय परिवारों का समर्थन करेंगी। यह कार्यक्रम विशेष लोक अदालत के समापन समारोह के दौरान आयोजित किया गया था।

उल्‍लेखनीय है कि सीआईएल देश के आठ राज्यों में 84 विस्तृत खनन क्षेत्रों में अपनी अनुषंगी कंपनियों के माध्यम से कार्य करती है। कोल इंडिया लिमिटेड की एक अप्रैल, 2024 तक कुल 313 खदानें कार्यरत हैं, जिनमें से 131 भूमिगत, 168 खुली खदानें और 14 मिश्रित खदानें हैं। ये कार्यशालाओं, अस्पतालों आदि जैसे अन्य संस्थानों का भी प्रबंधन करती है।

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