उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल बिहार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार का चुनाव राम विरोधी और राम भक्तों के बीच है जिसके बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है। ऐसे में अब आज इस मुद्दे को लेकर जब बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो देश भी नहीं साफ-साफ कहा कि मुझे इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं देना है। क्योंकि यह चुनावी मुद्दा है ही नहीं।
तेजस्वी में कहा कि इस देश में कौन राम भक्त नहीं है? हम लोग तो दूरदर्शन के समय से ही रामायण देखते आ रहे हैं घर में। हमारे घर में राम हैं। हमारे घर में मंदिर है। लेकिन रामराज्य के लिए बेहतर है बेरोजगारी को दूर करना। महंगाई को दूर करना है गरीबी दूर करनी है। राम का नाम लेने से कुछ नहीं होगा बल्कि राम के आदर्शों पर चलने से सब कुछ होगा।
तेजस्वी ने कहा कि इस बार का चुनावी मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी रोजगार, और युवाओं को सशक्त बनाना है। बिहार ने पिछले चुनाव में इनको गुजरात से भी अधिक सांसद दिया यहां 40 में से 39 सांसद को बहुमत हासिल हुई। लेकिन इसके बाद में बिहार को ठेंगा मिला और गुजरात को सब कुछ मिला। इसलिए बिहार की जनता इस बार उनको सबक सिखाएगी।
उधर, चिराग पासवान के बयान पर तेजस्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने 5 लाख लोगों को नौकरी दी चिराग पासवान की अधिक कहते हैं कि हमने जमीन लिखवाकर नौकरी दी है तो एक लड़का या एक कैंडिडेट को ढूंढ कर लाइन जिसे हमने जमीन लिया हो। और यदि उनके पास कोई उत्तर नहीं है तो कृपया चुप रहे उनके लिए बेहतर होगा नहीं तो फिर मैं बोलूंगा तो अलग ही बात होगी।