कौन हैं डॉ. अनिल मिश्रा? बनेंगे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान
डॉ.अनिल शर्मा के बारे में बात करें तो वे 1979 से ही आरएसएस से जुड़े हैं। मूलरूप से अंबेडकर नगर के गांव पतोना के रहने वाले अनिल मिश्रा इन दिनों फैजाबाद के लक्ष्मणपुरी इलाके में रहते हैं।
अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में शामिल होंगे. इस बीच डॉ. अनिल मिश्रा राम जन्म भूमि पर नवनिर्मित मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान बनाए गए हैं. डॉ. अनिल मिश्रा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं और लंबे समय से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े हैं. अनिल अब अपनी पत्नी ऊषा मिश्रा के खिलाफ कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी भी कार्यक्रम में यजमान की भूमिका में मौजूद रहेंगे।
अनिल के मशहूर चिकित्सिक हैं और अपना क्लीनिक चलाते हैं
डॉ. अनिल शर्मा के बारे में बात करें तो वे 1979 से ही आरएसएस से जुड़े हैं. मूलरूप से अंबेडकर नगर के गांव पतोना के रहने वाले अनिल मिश्रा इन दिनों फैजाबाद के लक्ष्मणपुरी इलाके में रहते हैं. अनिल के मशहूर चिकित्सिक हैं और अपना क्लीनिक चलाते हैं. उनकी फैमिली बैकग्राउंड भी डॉक्टरी से जुड़ा है. अनिल के घर में उनके अलावा दो बेटे और बहू हैं. उनके दोनों बेटे भी डॉक्टर हैं. अनिल ने जौनपुर के पीडी बाजार स्थित जयहिंद इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की और फिर फैजाबाद से डॉ. बृजकिशोर होम्योपैथिक कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई की. इस दौरान होम्योपैथी को एलोपैथी के समकक्ष बनाने के लिए आंदोलन छिड़ गया, जिसके चलते उनके जेल भी जाना पड़ा. जेल जाने के दौरान ही अनिल आरएसएस के संपर्क में आए।
आरएसएस से जुड़कर निभाई महती भूमिका
आठ महीने बाद जब अनिल जेल से छूटे तो उनका जीवन पूरी तरह से बदल चुका था. अनिल अब डॉक्टरों में करियर बनाने के बजाए राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव रखने लगे. हालांकि उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी, लेकिन संघ को भी समय देते रहे. 1981 में उन्होंने डॉक्टरी में ग्रेजुएशन पूरा किया. दो दशक पहले संघ में अवध प्रांत का गठन हुआ और उन्हें प्रांतीय सह कार्यवाह का दायित्व सौंपा गया. 2005 में अनिल प्रांत कार्यवाह के चुनाव में सबकी पसंद बनकर उभरे।
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