हाथरस में सत्संग के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के बाद यह सवाल हर किसी के जहन में है कि आखिर वह बाबा कौन है कि जिसके कार्यक्रम में इतने बड़े पैमाने में लोग जुटे और हादसे के शिकार हो गए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह सत्संग कार्यक्रम साकार विश्व हरि भोले बाबा का हो रहा था, अनुयायी इन्हें भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं।
17 साल पहले नौकरी छोड़ शुरू किया था सत्संग
तैनाती के दौरान सत्संग शुरू किया। कुछ समय बाद नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है।
कई प्रदेशों में हैं अनुयायी
भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में है। भोले बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रहते हैं। सत्संग की व्यवस्था अनुयायी ही संभालते हैं। आयोजन के लिए मीडिया से दूरी बनाते हैं।
बाबा के काफिले को निकालने को लेकर मची भगदड़
सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ निकल रही भीड़ को एक हिस्से से बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका तभी भगदड़ मच गई। इसमें 90 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं।