Aaj Ka Panchang 31 june 2024: आज का पंचांग – 1 जून 2024 शनिवार वैशाख कृष्ण पक्ष नवमी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज उत्तराभाद्रपद नक्षत्र है. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के दिन ध्यान और साधना करना विशेष फलदायी होता है. यह आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम समय होता है. वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है. यह नक्षत्र मीन राशि में आता है और इसका स्वामी ग्रह शनि है. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का आध्यात्मिक, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के देवता “अहिर्बुध्न्य” हैं, जो नागों के राजा और पानी के नीचे रहने वाले रहस्यमय प्राणी माने जाते हैं. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में सात्विक गुण प्रबल होता है, जो शांति, संतुलन और आध्यात्मिकता का प्रतीक है. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में पूजा, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है. इस नक्षत्र में दान-पुण्य और धर्म-कर्म करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
आज का पंचांग
तिथि- नवमी – 07:26:51 तक, दशमी – 29:06:59 तक
नक्षत्र- उत्तराभाद्रपद – 27:16:48 तक
करण- गर – 07:26:51 तक, वणिज – 18:17:32 तक
पक्ष- कृष्ण
योग- प्रीति – 15:09:24 तक
वार- शनिवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:23:1
सूर्यास्त- 19:14:41
चन्द्र राशि- मीन
चन्द्रोदय- 26:07:00
चन्द्रास्त- 13:50:59
ऋतु- ग्रीष्म
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 511
प्रविष्टे / गत्ते- 19
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
मास अमांत- वैशाख
दिन काल- 13:51:15
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 05:23:1 से 06:18:51 तक, 06:18:51 से 07:14:16 तक
कुलिक- 06:18:51 से 07:14:16 तक
कंटक- 11:51:21 से 12:46:46 तक
राहु काल- 08:51:14 से 10:35:09 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 13:42:11 से 14:37:36 तक
यमघण्ट- 15:33:01 से 16:28:26 तक
यमगण्ड- 14:02:58 से 15:46:52 तक
गुलिक काल- 05:23:1 से 07:07:20 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:51:21 से 12:46:46 तक
दिशा शूल
दिशा शूल- पूर्व
हिंदू धार्मिक त्योहारों और अनुष्ठानों की तारीखों का निर्धारण करना, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त का चयन करना और दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए पंचांग देखा जाता है. इसके अलावा कृषि और व्यवसाय के लिए उचित समय का निर्धारण करना और ज्योतिष और कुंडली निर्माण के लिए भी हिंदू पंचांग देखा जाता है.