क्या है 13 जुलाई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

Panchang

हिंदू पंचांग के अनुसार आज ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति क्या है. शुभ कार्य को करने के लिए आज अभिजीत मुहूर्त है या नहीं और राहुकाल कब से कब तक रहेगा सब जानिए.

आज का पंचांग – 13 जुलाई 2024 शनिवार आषाढ शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज हस्त नक्षत्र है. हस्त नक्षत्र के स्वामी ग्रह बुध हैं. इस नक्षत्र के देवता सविता हैं, जो सूर्य के देवता हैं। हस्त नक्षत्र का प्रतीक हाथ होता है. यह नक्षत्र क्षत्रिय गुणों वाला माना जाता है. हस्त नक्षत्र में जन्मे जातक रचनात्मक, बुद्धिमान, और कुशल होते हैं. वे दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और समाज में सम्मानित होते हैं. हर दिन ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है. राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए तो अभिजीत मुहूर्त में शुभ कार्य करने चाहिए. आज का कंटक काल क्या है. सूर्योदय से सूर्यास्त कर किस समय क्या करें आइे जानते हैं.

आज का पंचांग

तिथि- सप्तमी – 15:07:59 तक

नक्षत्र- हस्त – 19:15:38 तक

करण- वणिज – 15:07:59 तक, विष्टि – 28:20:41 तक

पक्ष- शुक्ल

योग- शिव – पूर्ण रात्रि तक

वार- शनिवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं

सूर्योदय- 05:32:15

सूर्यास्त- 19:21:14

चन्द्र राशि- कन्या

चन्द्रोदय- 11:58:00

चन्द्रास्त- 23:45:00

ऋतु- वर्षा

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1946 क्रोधी

विक्रम सम्वत- 2081

काली सम्वत- 5125

प्रविष्टे / गत्ते- 29

मास पूर्णिमांत- आषाढ

मास अमांत- आषाढ

दिन काल- 13:48:58

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त- 05:32:15 से 06:27:31 तक, 06:27:31 से 07:22:47 तक

कुलिक- 06:27:31 से 07:22:47 तक

कंटक- 11:59:07 से 12:54:22 तक

राहु काल- 08:59:30 से 10:43:07 तक

कालवेला / अर्द्धयाम- 13:49:38 से 14:44:54 तक

यमघण्ट- 15:40:10 से 16:35:26 तक

यमगण्ड- 14:10:22 से 15:53:59 तक

गुलिक काल05:32:15 से 07:15:53 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत- 11:59:07 से 12:54:22 तक

दिशा शूल

दिशा शूल- पूर्व

धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए हिंदू पंचांग से शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी भी हिंदू पंचांग देखकर बतायी जाती है.