क्या है 17 जुलाई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

Panchang

आज देवशयनी एकादशी है. आज का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार आज कौन सा नक्षत्र है और क्या शुभ अशुभ योग बन रहे हैं आइए जानते हैं.

हिंदू पंचांग में शुभ कार्य को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त देखा जाता है. राहुकाल का समय कोई भी शुभ कार्य करने के लिए वर्जित होता है. आज का पंचांग – 17 जुलाई 2024 बुधवार आषाढ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज अनुराधा नक्षत्र है. आज देवशयनी एकादशी भी है जिससे चातुर्मास का महीना शुरू हो गया है और अब अगले 4 महीनों तक विवाह जैसा कोई भी मंगल कार्य नहीं किया जा सकता. अनुराधा नक्षत्र ज्ञान और रचनात्मकता का प्रतीक है. इस शुभ नक्षत्र में देवशयनी एकादशी का आगमन आध्यात्मिक चिंतन, मनन और आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रवृत्त करता है. आध्यात्मिक उन्नति के लिए ये अनुकूल अवधि मानी जाती है. अनुराधा नक्षत्र के सकारात्मक प्रभाव से इस अवधि में किए गए कार्य सफलता की ओर अग्रसर होते हैं.

आज का पंचांग

तिथि- एकादशी – 21:04:38 तक

नक्षत्र- अनुराधा – 27:13:08 तक

करण- वणिज – 08:56:05 तक, विष्टि – 21:04:38 तक

पक्ष- शुक्ल

योग- शुभ – 07:03:31 तक

वार- बुधवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं

सूर्योदय- 05:34:20

सूर्यास्त- 19:19:54

चन्द्र राशि- वृश्चिक

चन्द्रोदय- 17:45:00

चन्द्रास्त- 26:03:59

ऋतुवर्षा

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1946 क्रोधी

विक्रम सम्वत- 2081

काली सम्वत- 5125

प्रविष्टे / गत्ते- 2

मास पूर्णिमांत- आषाढ

मास अमांत- आषाढ

दिन काल- 13:45:33

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त- 11:59:36 से 12:54:38 तक

कुलिक- 11:59:36 से 12:54:38 तक

कंटक- 17:29:49 से 18:24:51 तक

राहु काल- 12:27:07 से 14:10:19 तक

कालवेला / अर्द्धयाम- 06:29:23 से 07:24:25 तक

यमघण्ट- 08:19:27 से 09:14:29 तक

यमगण्ड- 07:17:32 से 09:00:44 तक

गुलिक काल- 10:43:55 से 12:27:07 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत- कोई नहीं

दिशा शूल

दिशा शूल- उत्तर

धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए हिंदू पंचांग से शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी भी हिंदू पंचांग देखकर बतायी जाती है.