क्या है 22 जून 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
दैनिक कार्यों पर हिंदू पंचांग का गहरा प्रभाव पड़ता है. अगर आप अपने शुभ कार्य पंचांग देखकर करते हैं तो आपको उसके शुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं.
आज का पंचांग – 22 जून 2024 शनिवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज मूल नक्षत्र है. हिंदू ज्योतिष शास्त्र में मूल नक्षत्र वृश्चिक राशि (Scorpio) में आता है और इसके देवता निरृति (विनाश की देवी) मानी जाती हैं. यह नक्षत्र 360 अंश के वृत्त में 240° से 253°20′ के बीच स्थित होता है. सामान्यतः मूल नक्षत्र को महत्वपूर्ण शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. यह नक्षत्र विवाह, गृह प्रवेश, या नए कार्य की शुरुआत के लिए अशुभ माना जाता है. अशुभ कार्य: यह नक्षत्र तंत्र-मंत्र, जड़ी-बूटी संग्रह, और शत्रु नाश के लिए उपयुक्त माना जाता है. जिन व्यक्तियों का जन्म मूल नक्षत्र में होता है, उनके जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है. उन्हें जीवन में कई चुनौतियों और संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उचित उपायों और कर्मों से इन प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, यह नक्षत्र विशेष सावधानी बरतने की सलाह देता है. जन्म के समय मूल नक्षत्र में होने पर स्वास्थ्य संबंधी कुछ चुनौतियां आ सकती हैं.
आज का पंचांग
तिथि- पूर्णिमा – 06:39:20 तक, प्रतिपदा – 29:15:13 तक
नक्षत्र- मूल – 17:54:50 तक
करण- बव – 06:39:20 तक, बालव – 18:00:34 तक
पक्ष- शुक्ल
योग- शुक्ल – 16:44:19 तक
वार- शनिवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:24:03
सूर्यास्त- 19:22:13
चन्द्र राशि- धनु
चन्द्रोदय- 20:03:59
चन्द्रास्त- चन्द्रास्त नहीं
ऋतु- वर्षा
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5125
प्रविष्टे / गत्ते- 8
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
मास अमांत- ज्येष्ठ
दिन काल- 13:58:10
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 05:24:03 से 06:19:56 तक, 06:19:56 से 07:15:49 तक
कुलिक- 06:19:56 से 07:15:49 तक
कंटक- 11:55:12 से 12:51:05 तक
राहु काल- 08:53:36 से 10:38:22 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 13:46:57 से 14:42:50 तक
यमघण्ट- 15:38:43 से 16:34:35 तक
यमगण्ड- 14:07:55 से 15:52:41 तक
गुलिक काल- 05:24:03 से 07:08:50 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:55:12 से 12:51:05 तक
दिशा शूल
दिशा शूल- पूर्व
हिंदू पंचांग का उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए मुहूर्तों का चयन, उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों के लिए किया जाता है.
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