क्या है 24 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

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एमपी के शिवपुरी के डोंडयाई गांव में चोरों ने एक साथ पांच घरों को निशाना बनाया। चोरों ने चोरी करने से पहले सभी लोगों को बेहोश कर दिया था।लोगों के आसपास कुछ सफेद गोलियां पड़ी मिलीं थीं. चोरों ने पांचों घरों से लगभग एक लाख रुपये की नगदी, सोने और चांदी के जेवर चुरा लिए।चोरों ने घर में रखे देसी घी के कट्टे भी नहीं छोड़े।

आज का पंचांग – 24 मई 2024 शुक्रवार वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज अनुराधा नक्षत्र है. अनुराधा नक्षत्र भारतीय ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है. यह नक्षत्र वृश्चिक राशि (स्कॉर्पियो) में स्थित होता है और इसके स्वामी शनि (सैटर्न) होते हैं. अनुराधा नक्षत्र के प्रतीक एक कमल का फूल है, जो आध्यात्मिकता, सुंदरता और संतुलन को दर्शाता है. इस नक्षत्र का देवता मित्र (मित्र देव) है, जो मित्रता और सहयोग का प्रतीक है. अनुराधा नक्षत्र का जीवन पर व्यापक प्रभाव होता है और इसकी विशेषताएं व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, करियर, और रिश्तों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. यह नक्षत्र अपनी मिलनसार और अनुशासित प्रकृति के लिए जाना जाता है, और इसके प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता और संतुलन प्राप्त कर सकता है।

आज का पंचांग

तिथि- प्रतिपदा – 19:26:57 तक

नक्षत्र- अनुराधा – 10:10:32 तक

करण- बालव – 07:29:34 तक, कौलव – 19:26:57 तक

पक्ष- कृष्ण

योग- शिव – 11:20:11 तक

वार- शुक्रवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं

सूर्योदय- 05:25:45

सूर्यास्त- 19:10:24

चन्द्र राशि- वृश्चिक

चन्द्रोदय- 20:14:00

चन्द्रास्त- 05:33:59

ऋतु- ग्रीष्म

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1946   क्रोधी

विक्रम सम्वत- 2081

काली सम्वत- 5125

प्रविष्टे / गत्ते- 11

मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ

मास अमांत- वैशाख

दिन काल- 13:44:39

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त- 08:10:41 से 09:05:39 तक, 12:45:34 से 13:40:33 तक

कुलिक- 08:10:41 से 09:05:39 तक

कंटक- 13:40:33 से 14:35:31 तक

राहु काल- 10:34:59 से 12:18:04 तक

कालवेला / अर्द्धयाम- 15:30:30 से 16:25:29 तक

यमघण्ट- 17:20:27 से 18:15:26 तक

यमगण्ड- 15:44:14 से 17:27:19 तक

गुलिक काल- 07:08:49 से 08:51:54 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत- 11:50:35 से 12:45:34 तक

दिशा शूल

दिशा शूल- पश्चिम

हिंदू पंचांग का उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए मुहूर्तों का चयन, उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों के लिए किया जाता है।