पंचांग दैनिक जीवन में दिन की योजना बनाने में भी उपयोगी होता है. यह दिन के शुभ-अशुभ समय, राहुकाल, और अन्य खगोलीय घटनाओं की जानकारी देता है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों को सही समय पर कर सके.
आज का पंचांग – 29 मई 2024 बुधवार वैशाख कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज श्रवण नक्षत्र है. श्रवण नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है. इसका प्रतीक “कान” या “कान का आभूषण” है, जो सुनने की शक्ति और शिक्षा का प्रतीक है. श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है, और यह मकर राशि में स्थित है. यह नक्षत्र भगवान विष्णु से संबंधित है, जो पालनकर्ता और संरक्षक देवता हैं. श्रवण नक्षत्र का प्रभाव शिक्षा, ज्ञान, सुनने की शक्ति, और संचार में देखने को मिलता है. इस नक्षत्र के जातक अच्छे श्रोता होते हैं और ज्ञान प्राप्ति की ओर उत्सुक रहते हैं. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना श्रवण नक्षत्र के जातकों के लिए लाभकारी होता है. हिंदू पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है जिसका उपयोग धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. यह पंचांग विभिन्न खगोलीय घटनाओं, त्योहारों, व्रतों, शुभ मुहूर्तों, और राशियों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पंचांग पांच मुख्य तत्वों (तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण) पर आधारित होता है, जिनसे दिन का शुभ-अशुभ समय और कार्यों की योजना बनाई जाती है.
आज का पंचांग
तिथि- षष्ठी – 13:42:06 तक
नक्षत्र- श्रवण – 08:39:04 तक
करण- वणिज – 13:42:06 तक, विष्टि – 24:45:32 तक
पक्ष- कृष्ण
योग- एन्द्र – 23:33:15 तक
वार- बुधवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:24:07
सूर्यास्त- 19:13:10
चन्द्र राशि- मकर – 20:06:52 तक
चन्द्रोदय- 24:26:59
चन्द्रास्त- 10:35:59
ऋतु- ग्रीष्म
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5129
प्रविष्टे / गत्ते- 16
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
मास अमांत- वैशाख
दिन काल- 13:49:02
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 11:51:00 से 12:46:17 तक
कुलिक- 11:51:00 से 12:46:17 तक
कंटक- 17:22:37 से 18:17:53 तक
राहु काल- 12:18:39 से 14:02:16 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 06:19:24 से 07:14:40 तक
यमघण्ट- 08:09:56 से 09:05:12 तक
यमगण्ड- 07:07:45 से 08:51:23 तक
गुलिक काल- 10:35:01 से 12:18:39 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- कोई नहीं
दिशा शूल- उत्तर
हिंदू धार्मिक त्योहारों और अनुष्ठानों की तारीखों का निर्धारण करना, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त का चयन करना और दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए पंचांग देखा जाता है. इसके अलावा कृषि और व्यवसाय के लिए उचित समय का निर्धारण करना और ज्योतिष और कुंडली निर्माण के लिए भी हिंदू पंचांग देखा जाता है।