क्या है 9 जुलाई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए हिंदू पंचाग का विशेष महत्व होता है. आज का दिन ग्रहों और नक्षत्रों को स्थिति के अनुसार कैसा है आइए जानते हैं.
आज का पंचांग – 9 जुलाई 2024 मंगलवार आषाढ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज आश्लेषा नक्षत्र है. शिक्षा, बुद्धि और व्यापार के लिए यह नक्षत्र अच्छा माना जाता है. बुध ग्रह की स्थिति के कारण बौद्धिक कार्यों, लेखन, संचार और गणितीय कार्यों में सफलता मिल सकती है. जटिल समस्याओं का हल निकालने, शोध कार्य, और गहन अध्ययन के लिए यह नक्षत्र अनुकूल होता है. व्यापार में नई योजनाओं की शुरुआत और रणनीतिक निर्णय लेने के लिए यह नक्षत्र अनुकूल हो सकता है. बुध ग्रह की स्थिति व्यापारिक निर्णयों को प्रभावित करती है. आश्लेषा नक्षत्र में सर्पदेवता की पूजा करना लाभकारी माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की विशेष पूजा करनी चाहिए. आज किस समय आपको शुभ कार्य करना है या राहुकाल आज कितने बजे से कितने बजे तक रहने वाला है आइए जानते हैं.
आज का पंचांग
तिथि- तृतीया – 06:10:57 तक
नक्षत्र- आश्लेषा – 07:53:19 तक
करण- गर – 06:10:57 तक, वणिज – 18:58:35 तक
पक्ष- शुक्ल
योग- सिद्धि – 26:25:58 तक
वार- मंगलवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:30:18
सूर्यास्त- 19:22:11
चन्द्र राशि- कर्क – 07:53:19 तक
चन्द्रोदय- 08:26:00
चन्द्रास्त- 21:57:59
ऋतु- वर्षा
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5125
प्रविष्टे / गत्ते- 25
मास पूर्णिमांत- आषाढ
मास अमांत- आषाढ
दिन काल- 13:51:52
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 08:16:41 से 09:12:09 तक
कुलिक- 13:49:26 से 14:44:54 तक
कंटक- 06:25:46 से 07:21:14 तक
राहु काल- 15:54:13 से 17:38:12 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 08:16:41 से 09:12:09 तक
यमघण्ट- 10:07:36 से 11:03:04 तक
यमगण्ड- 08:58:17 से 10:42:16 तक
गुलिक काल- 12:26:15 से 14:10:14 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:58:31 से 12:53:59 तक
दिशा शूल
दिशा शूल- उत्तर
धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए हिंदू पंचांग से शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी भी हिंदू पंचांग देखकर बतायी जाती है.
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