क्यों विवादों में आई फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताई वजह

Acharya pramod krishna

बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ विवादों में घिर गई है। संभल के कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिल्म निर्माता, निर्देशक और कलाकारों को नोटिस भेजकर धार्मिक तथ्यों और धार्मिक किताबों से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं।

आईएएनएस से खास बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “भले आप हमारी आस्था का सम्मान न करें, लेकिन उसका अपमान तो न करें। कल्कि भगवान विष्णु का अंतिम अवतार हैं। कल्कि नारायण का अवतार कहां होगा, कब होगा, कैसे होगा, किसके यहां होगा, उनकी मां का नाम क्या होगा, उनके पिता का नाम क्या होगा, उस स्थान का नाम क्या होगा, यह सब पुराणों में वर्णित किया गया है। इससे खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है, इससे छेड़छाड़ क्यों की जा रही है?

उन्होंने कहा कि किसी को फिल्म बनानी है तो बनाए, इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन “अभिव्यक्ति की आजादी और मनोरंजन के नाम पर चंद पैसों के लिए आप हमारे शास्त्रों से खिलवाड़ करेंगे, यह ठीक नहीं है।”

उन्होंने कहा कि भगवान के कल्कि अवतार की प्रतीक्षा करोड़ों लोग कर रहे हैं। अभी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास किया है, जहां भगवान कल्कि आएंगे। उनके आने से पहले श्री कल्कि धाम का शिलान्यास हो रहा है। आप भगवान कल्कि के बारे में जो पुराणों में लिखा है, उससे इधर-उधर नहीं जा सकते।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि उन्होंने फिल्म के निर्माता और निर्देशक से पूछा है कि आखिर “आपको क्या मिलेगा हमारी आस्था को ठेस पहुंचाकर”? उन्होंने कहा कि नोटिस के जवाब की प्रतीक्षा है। उसके बाद अदालत में जाएंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर सनातन की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार तथा शास्त्रों से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती।

एडवोकेट उज्ज्वल कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने संभल स्थित कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की शिकायत पर फिल्म मेकर्स को नोटिस भेजा है। हाल ही में आई फिल्म कल्कि के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर को एक कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह फिल्म हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाती है। हमारे पुराण में लिखा है कि भगवान विष्णु व्यास जी के घर संभल में पैदा होंगे और उन्होंने फिल्म में भगवान का जन्म आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन के जरिए दिखाया गया है। इन्हीं सब बातों को लेकर हमने लीगल नोटिस दिया है। उन्होंने यदि फिल्म के अंदर बदलाव नहीं किया तो हम आपके खिलाफ कोर्ट भी जाएंगे।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग में आने वाले दुकानदारों और रेस्टोरेंट के मालिकों के नेम प्लेट लगाने के आदेश पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नहीं कहता कि झूठ बोल कर किसी के साथ धोखा करो। कोई भी धर्म नहीं सिखाता की चोरी करो। चोरी क्यों की जा रही है, छुपाया क्यों जा रहा है। कांवड़ यात्रा बहुत तपस्या की है, श्रद्धा का विषय है, आस्था का विषय है, साधना और तप का विषय है।

उन्होंने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं अखिलेश यादव और राहुल गांधी से कि विपक्ष के सारे नेता पिछले कई साल से चिल्ला रहे थे कि अपनी जाति बताओ, जाति जनगणना करो। अब नाम बताने में दिक्कत आ रही है। कावड़ियों के साथ धोखा क्यों करना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि हवाई जहाज में जाओ तो अपना पहचान पत्र दिखाना पड़ता है। रेलवे में जाओ तो वहां भी अपनी पहचान बतानी पड़ती है। किसी होटल में जाओ तो वहां भी पहचान बतानी पड़ती है, तो अगर आप दुकान खोल रहे हैं तो उसमें झूठ बोलकर क्यों किसी का धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “मुझे लगता है कि इस देश को गड्ढे में डालने का काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने जो नियम बनाया है वह कानून की दृष्टिकोण से ठीक है, कांवड़ियों की सुरक्षा की दृष्टि से सही है, संविधान के दृष्टिकोण से सही है, धर्म के दृष्टिकोण से सही है। मैं हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से निवेदन करता हूं कि जो फैसला उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर किया है। वह भी अपने-अपने राज्यों में लागू करें, कांवड़िये के साथ छल और फरेब करने का किसी को अधिकार नहीं है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.