उपभोक्ता मूल्य संचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई में सालाना आधार पर लुढ़कर 3.54 फीसदी पर आ गई है। यह 59 महीने का निचला स्तर है। अगस्त 2019 में खुदरा महंगाई दर 3.21 फीसदी थी। इससे पिछले महीने जून में खुदरा हंगाई दर 5.08 फीसदी पर थी। मई में यह दर 4.75 फीसदी और अप्रैल में 4.85 फीसदी रही थी।
खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से खुदरा महंगाई दर घटी
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर घटी है। मंत्रालय के मुताबिक खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से महंगाई घटी है। खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के 2-6 फीसदी के टारगेट के करीब है। हालांकि, सब्जियों की कीमतों में जुलाई में सालाना आधार पर 6.83 फीसदी की वृद्धि दिखी है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने जून में यह आंकड़ा 29.32 फीसदी था।
खाद्य महंगाई जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है, जुलाई में घटकर 5.42 फीसदी पर आ गई है, जबकि जून में यह दर 9.36 फीसदी और जुलाई 2023 में 11.51 फीसदी थी। शहरी महंगाई भी महीने-दर-महीने आधार पर 4.39 फीसदी से घटकर 2.98 फीसदी पर आ गई थी। इसके साथ ही ग्रामीण महंगाई 5.66 फीसदी से घटकर 4.10 फीसदी पर पहुंच गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर 4.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।