केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने आज (बुधवार) नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की। इस सत्र का उद्देश्य इन युवाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाना और माईभारत प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर चर्चा करना था, ताकि यह भारत के युवाओं के लिए अधिक सुलभ और लाभकारी हो सके। इस बातचीत में युवा कार्यक्रम विभाग के सचिव तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अनुसार डॉ. मांडविया ने पुरस्कार विजेताओं के असाधारण योगदान को स्वीकार करते हुए बातचीत की शुरुआत की, जो भारत भर के विभिन्न राज्यों के निवासी हैं और जिन्होंने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जलवायु परिवर्तन, शहरी नियोजन, युवा सशक्तिकरण, नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम जैसे विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। उन्होंने राष्ट्र के मजबूत भविष्य के निर्माण के लिए युवा प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें मार्गदर्शन व सहायता प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, मांडविया ने कहा, “भारत के युवा हमारे भविष्य के निर्णयकर्ता हैं और मैं उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा के प्रति उत्साहित हूं।”चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, माईभारत प्लेटफार्म पर युवाओं के रचनात्मक जुड़ाव के संदर्भ में अभिनव और सहयोगी विचारों पर केंद्रित था। डॉ. मांडविया ने पुरस्कार विजेताओं से सुझाव आमंत्रित किए कि कैसे प्लेटफार्म को और अधिक आपसी संवाद आधारित, सूचना आधारित और आकर्षक बनाया जाए। पुरस्कार विजेताओं ने अधिक डिजिटल टूल को शामिल करने, इसे युवा-संबंधी सभी पहलों के लिए वन-स्टॉप समाधान बनाने और महत्वाकांक्षी युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए मेंटरशिप और इंटर्नशिप कार्यक्रम बनाने जैसे विचारों का प्रस्ताव रखा।
डॉ. मांडविया ने युवाओं और मंत्रालय के बीच निरंतर संवाद को प्रोत्साहित किया, ताकि युवा भारतीयों की जरूरतों और आकांक्षाओं का पर्याप्त रूप से समाधान करना सुनिश्चित किया जा सके।केन्द्रीय खेल मंत्री ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। बातचीत का समापन माईभारत प्लेटफार्म को युवा संवाद और विकास के लिए प्रमुख मंच बनाने के सामूहिक दृष्टिकोण के साथ हुआ। डॉ. मांडविया ने भविष्य के प्रति अपनी आशा व्यक्त की तथा भारत को प्रगति और नवाचार की ओर ले जाने में युवाओं की परिवर्तनकारी शक्ति में अपना विश्वास व्यक्त किया।