गर्मी की मार आमजन की जेबों पर भारी पड़ने लगी है। भीषण गर्मी के कारण खेतों में ही सब्जियां खराब होने लगी हैं। जालंधर से नकोदर हाईवे पर कई गांव सब्जियों की उपज के लिए मशहूर हैं। वहां से जालंधर और आसपास के जिलों में सब्जी की सप्लाई होती है, लेकिन गर्मी के कारण खेत में ही बैंगन, शिमला मिर्च व अन्य सब्जियां खराब हो रही हैं। इसका असर मंडी में देखने को मिल रहा है। आमद कम होने के कारण सब्जियों के दाम में एकदम उछाल आया है। इस सीजन में अमूमन 30 रुपए किलो तक बिकने वाली शिमला मिर्च 100 से 150 रुपए किलो तक बिक रही है।
आढ़तियों की मानें तो यह रिकॉर्ड है कि दाम इतना बढ़ा है। इसी प्रकार 55 रुपए किलो बिकने वाला बॉस 90 से 120 रुपए किलो तक बिक रहा है। वहीं, गोभी इस सीजन में 30 रुपए किलो मिलती, लेकिन अब रेट 130 रुपए चल रहा है। घीया का दाम 10 गुना ज्यादा है। पहले 10 होता था तो अब 100 रुपए है।
पहले शाम तक आसानी से सब्जियां ठीक रहती थीं, अब नहीं-
मकसूदां सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता सूरज और राकेश ने बताया कि पहले तो शाम तक सब्जियां ठीक रहती थीं, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि दोपहर होते ही सब्जियां सूखनी शुरू हो जाती हैं। सब्जियों को हरा रखने के लिए पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। एक दिन की सब्जी अगले दिन तक नहीं रहती, खराब हो रही है।
इस बार बरसात नहीं… गर्मी की मार पड़ रही-
कंग साहबू के किसान सुरजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने भिंडी के दो खेत लगाए थे। पहले तो 50 से 100 क्विंटल तक सब्जी निकल जाती थी, लेकिन इस बार मात्र 20 क्विंटल सब्जी ही निकली है। इसका कारण अत्यधिक गर्मी है। इसी तरह बाकी सब्जियों पर भी असर हो रहा है। उम्मीद है मानसून के बाद यानी दो महीने उपरांत सब्जियां सही ढंग से पक सकेंगी और दाम भी कम हो जाएंगे। मंडी में उन्हें कम दाम पर ही सब्जी बेचनी पड़ रही है। आगे मुनाफा या तो आढ़ती कमा रहे हैं या फिर सब्जी विक्रेता।