गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस GeM से खरीद 1.24 लाख करोड़ रुपये के पार, दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा GeM

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केंद्र सरकार की ई-मार्केटप्लेस GeM ने पिछले वर्ष के सकल व्यापारिक मूल्य की तुलना में तिमाही-दर-तिमाही 136 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए 80,500 करोड़ मूल्य की सेवाएं ली गईं। जबकि केंद्र सरकार के निकायों ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक खरीद का आंकड़ा पार किया।

दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा ई-मार्केटप्लेस जीईएम

ई-मार्केटप्लेस जीईएम (जेम) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में शानदार शुरुआत की है। जेम के माध्‍यम से पहली तिमाही में वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद 1.24 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। जेम पर खरीद की यही गति कायम रही तो यह चालू वित्त वर्ष के अंत तक दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा।

सकल व्यापारिक मूल्य 136 फीसदी अधिक

ई-खरीद पोर्टल जेम के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि जेम ने अप्रैल-जून तिमाही के अंत में 1,24,761 लाख करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य दर्ज किया है, जो तिमाही-दर-तिमाही आधार पर पिछले वित्‍त वर्ष के 52,670 करोड़ रुपये की तुलना में 136 फीसदी अधिक है। इस गति से ये बहुत जल्‍द दुनिया का सबसे बड़ा मंच बन जाएगा।

खरीद का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार

उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों सहित केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा खरीद का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई, जिसमें कोयला, रक्षा तथा पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय इस तिमाही में शीर्ष खरीदार के तौर पर उभरे हैं। गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस पर कार्यालय ‘स्टेशनरी’ से लेकर वाहनों तक के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। इसमें मोटर वाहन, कंप्यूटर और कार्यालय फर्नीचर कुछ प्रमुख उत्पाद श्रेणियां हैं। इसके साथ ही परिवहन, हेलीकॉप्टर सेवाओं की भर्ती, लॉजिस्टिक्स, अपशिष्ट प्रबंधन, वेबकास्टिंग और विश्लेषणात्मक सहित सेवाएं मंच पर सूचीबद्ध हैं।

लेनदेन शुल्क भी कम

जीईएम पर व्यापार करने को सुविधाजनक बनाने के लिए जीईएम द्वारा की गई एक और बड़ी पहल विक्रेताओं पर लगाए जाने वाले लेनदेन शुल्क की मात्रा में भारी कमी है। जीईएम की नई राजस्व नीति के अनुसार 5 लाख रुपये से अधिक के मूल्य वाले ऑर्डर पर विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं को ऑर्डर मूल्य का केवल 0.30 प्रतिशत (पहले 0.45 प्रतिशत) बदला जाएगा, और ये लेनदेन शुल्क 3 लाख रुपये की अधिकतम राशि पर सीमित होंगे, जबकि पहले 72.50 लाख रुपये बदले जा रहे थे। यह भी बताया गया कि वित्त वर्ष 23-24 के दौरान, 5 लाख रुपये से कम की खरीद के लिए 96.5 प्रतिशत लेनदेन पर कोई लेनदेन शुल्क नहीं लगाया गया था। इस प्रकार, जीईएम ने केवल 3.5 प्रतिशत लेनदेन/ऑर्डर में लेनदेन शुल्क लगाया।

‘वोकल फॉर लोकल’ को भी बढ़ावा

जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर मार्केटप्लेस के हिस्से के रूप में “द आभार कलेक्शन” नामक अपनी महत्वपूर्ण पहल शुरू की। “द आभार कलेक्शन” में 120 से अधिक उत्तम और हाथ से तैयार उपहार वस्तुएं और हैम्पर्स प्रदर्शित किए गए है, जिनमें एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) और भौगोलिक संकेत (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं। इनकी कीमत 500 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक है, जिसका उपयोग सरकारी खरीदार अपने सभी आधिकारिक कार्यक्रमों/समारोहों आदि में कर सकते हैं।

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों तथा विभागों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केट (जेम) मंच की शुरुआत नौ अगस्त, 2016 को की गई थी। दुनिया में इस तरह के ऑनलाइन मंचों की सूची में दक्षिण कोरिया का केओएनईपीएस शीर्ष पर है। इसके बाद दूसरे नंबर में सिंगापुर का जीईबीआईजेड और फिर भारत का जेम तीसरे स्थान पर है।

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