गुना से आरोन जा रही सिकरवार बस में बुधवार रात करीब 8.30 बजे डंपर ने टक्कर मार दी। इसके बाद बस में आग लग गई, जिसमें 13 सवारियों के जिंदा जलने की सूचना है। जबकि घायलों की संख्या 16 से अधिक बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने जिला प्रशासन को बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के भी निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं।
बताया जाता है कि प्रतिदिन की तरह 32 सीटर सिकरवार बस बुधवार रात करीब आठ बजे गुना से आरोन के लिए रवाना हुई। अभी बस जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर घूम घाटी पर पहुंची ही थी कि डंपर ने टक्कर मार दी। इसके बाद बस घाटी से टकराई और आग लग गई।
इस हादसे में दस लोगों की जलने से मौत हो गई। इधर सूचना मिलते ही कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय खत्री घटना स्थल पर पहुंचे और घायलों को एंबुलेंस और अन्य वाहनों से जिला अस्पताल पहुंचाया।
बिना फिटनेस व बीमा के दौड़ रही थी बस
यह बस बिना बीमा और फिटनेस के दौड़ रही थी। बस की फिटनेस अवधि 17 फरवरी 2022 को खत्म हो गई और बीमा अवधि 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हुई है। परिवहन विभाग व जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बस की नियमित जांच नहीं हुई है।
लपटों में घिरे यात्रियों को बचाने कोई पहुंच नहीं सका
बस में इतनी अधिक आग की लपटें निकल रहीं थीं कि कोई व्यक्ति बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने जा भी नहीं सका। जैसे ही बस में लपटें उठना शुरू हुईं वैसे ही यात्रियों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। बस जिस मार्ग पर चल रही थी वह सुनसान इलाका था।
बस के घाटी से टकराने के बाद रुकने पर कई यात्री बाहर निकले व फोन करके पुलिस को सूचना दी। कई यात्रियों ने बस के दरवाजे, खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने के बाद पुलिस व प्रशासन का बचाव दल मौके पर पहुंचा और घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया है।
बस के पिछले हिस्से में बैठे यात्री आग से घिर गए
बस में आग लगने के बाद आगे व बीच की सीटों पर बैठे ज्यादातर यात्री निकल आए थे। बस के पिछले हिस्से में बैठे लोग धूं-धूं कर झुलसने लगे थे। जब तक पुलिस व प्रशासन का राहत दल पहुंचा तब तक दस लोग बुरी तरह झुलस गए। बस से निकाले गए एक यात्री ने अस्पताल में दम तोड़ा। मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश, मृतकों के स्वजन को चार लाख व घायलों को 50-50 हजार दिए जाएंगे
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बस दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। दुर्घटना में मृतक के स्वजन को चार लाख और घायलों को पचास हजार रुपये आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं।
इतनी विकराल आग कि फंसे लोगों को कोई बचाने भी नहीं जा सका
जिला मुख्यालय से सात किमी दूर हुई यह घटना इतनी दिल दहलाने वाली थी कि जो भी मौके पर पहुंचे उसके रौंगटे खड़े हो गए। आग से पूरी तरह जली बस में कई लोगों के जिंदा जलने से मांस के लोथड़े दिखाई दे रहे थे। बस में इतनी अधिक आग की लपटें निकल रहीं थीं कि कोई व्यक्ति बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने जा भी नहीं सका। जैसे ही बस में लपटें उठना शुरू हुईं वैसे ही यात्रियों ने चीफ-पुकार शुरू कर दी।
बस जिस मार्ग पर वह सुनसान इलाका था। बस के रुकते हुए कई यात्री बाहर निकले व फोन करके पुलिस को सूचना दी। इस अफरा-तफरी में कई यात्रियों ने बस के दरवाजे, खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने के बाद पुलिस व प्रशासन का बचाव दल मौके पर पहुंचा और घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। बस में आग लगने के बाद ज्यादातर यात्री निकल आए थे।
बस के पिछले हिस्से में बैठे लोग धूं-धूं कर झुलसने लगे थे। जब तक पुलिस व प्रशासन का राहत दल पहुंचा तब तक छह लोगों के बुरी तरह झुलसने की सूचना है। बस से निकाले गए एक यात्री को जब अस्पताल पहुंचाया तो वहां उसने दम तोड़ दिया। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
सीएम डा. मोहन यादव ने एक्स हैंडल पर लिखा- गुना से आरोन जा रही बस में भीषण आग से यात्रियों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। इस हृदय विदारक दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए दिवंगतों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मैंने प्रशासन को घायल यात्रियों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के साथ ही दुर्घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। बाबा महाकाल से दिवंगत आत्माओं की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।