गोंडा में हुए ट्रेन हादसे की जांच शुरू हो गई। शनिवार को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) घटना स्थल पर पहुंचे।उन्होंने ट्रेन दुघर्टना स्थल पर बहाल किए गए डाउन लाइन ट्रैक और ओएचई कार्य फिटनेस के अलावा क्षतिग्रस्त कोच का निरीक्षण किया। इस दौरान शुरुआत संयुक्त जांच रिपोर्ट को भी परखा।
रेलवे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक पटरी में फैलाव के कारण ट्रेन बेपटरी हुई थी। ट्रैक के फैलाव के कारण लोको पायलट को झटका लगा तो उसने इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल किया। घटना से पहले करीब 86 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन की इमरजेंसी ब्रेक लगने के बाद 19 बोगियां पटरी से उतर गईं। नागर विमानन मंत्रालय/उत्तर पूर्वी परिमंडल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा, अपर मंडल प्रबंधक (इंफ्रा.) राजीव कुमार के साथ रेल दुर्घटना स्थल का बारीकी की जांच की। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के गोंडा-मनकापुर रेल खंड पर मोतीगंज-झिलाही स्टेशन के पास 18 जुलाई को गाड़ी संख्या 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद जांच करने टीम पहुंची थी।
चार दिन पूर्व दी थी पटरी में गड़बड़ी की सूचना
ट्रेन हादसे के पहले और ट्रेन हादसे के बाद रेलकर्मियों के बीच ट्रेन हादसे से जुड़ी आपसी बातचीत का वायरल ऑडियो भी रेल संरक्षा आयुक्त को सौंपा जाएगा। इस ऑडियो में चार दिन पहले ही पटरी में गड़बडी की सूचना दी गई थी। इन लोगों से रेल संरक्षा आयुक्त पूछताछ भी कर सकते हैं। हालांकि ‘VOB’ वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।