ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज ने भारतीय राष्ट्रगान का भव्य संस्करण रिलीज किया, 14000 आदिवासी बच्चों ने लिया भाग, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
भारतीय संगीतकार और 3 एक्स ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज ने कीस डीम्ड युनिवर्सिटी के साथ मिलकर भारतीय राष्ट्रगान का एक अद्वितीय संस्करण तैयार किया है। इसके साथ ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा लिया है। इसमें कीस के 14 हजार बच्चों ने एक साथ मिलकर राष्ट्रगान गाया है।
पिछले वर्ष 2023 में रिकी केज ने ब्रिटेन के 100-पीस रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा के साथ एबी रोड स्टूडियोज, लंदन में भारतीय राष्ट्रगान का सबसे बड़ा सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा प्रस्तुत किया था। अब केज ने भारतीय संगीत के जीते-जागते दिग्गजों को एक साथ लाकर भारतीय राष्ट्रगान का एक बेमिसाल संगीत अनुभव प्रस्तुत किया है।
इस भव्य रिकॉर्डिंग में पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, बांसुरी के मर्मज्ञ, पद्म विभूषण विजेता राकेश चौरसिया, बांसुरी के मर्मज्ञ, ग्रैमी अवार्ड विजेता, राहुल शर्मा, संतूर के मर्मज्ञ, अमान एवं अयान, सरोद के मर्मज्ञ शेख महबूब सुब्हानी और कलीशाबी महबूब, नादस्वरम के मर्मज्ञ, पद्मश्री विजेता, डॉ जयंती कुमारेश, वीणा की मर्मज्ञ तथा गिरिधर उदुपा, कर्नाटिक तालवाद्य के मर्मज्ञ शामिल हैं।
रिकी केज ने कीट-कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के सहयोग से कीस के 14,000 आदिवासी बच्चों का एक विशाल कोरस भी रिकॉर्ड किया, जिसने एक नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में “सबसे बड़े गायन पाठ” का कीर्तिमान स्थापित किया है। इस रिकॉर्डिंग को 14 अगस्त को शाम 5 बजे सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स, यू-ट्यूब और रिकी केज के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर रिलीज किया गया। इसे पूरी तरह से रॉयल्टी-फ्री उपलब्ध कराया गया, बशर्ते कि सामग्री को बिना किसी परिवर्तन के प्रस्तुत किया जाए, जिससे भारतीय राष्ट्रगान का सम्मान बना रहे।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने कहा कि मैंने यहां भुवनेश्वर, ओडिशा में ‘सबसे बड़े गायन पाठ’ के रिकॉर्ड प्रयास का आकलन किया। 6,651 प्रतिभागियों के साथ गाया गया पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा गया और हमने 13,944 प्रतिभागियों के साथ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके लिए कीस, डा अच्युत सामंत और रिकी केज को बधाई। यह एक अद्भुत उपलब्धि है।
रिकी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह परियोजना संगीत की शक्ति को दर्शाती है, जो लोगों को एक साथ लाती है। यह हमारे विविध धरोहर का जश्न और भारत की भावना को श्रद्धांजलि है। मुझे गर्व है कि हम सबने मिलकर यह हासिल किया। इस मौके पर डा अच्युत सामंत ने कीस के सफर पर प्रकाश डाला तथा रिकी केज के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में यह रिकार्ड स्थापित हो गया है। उन्होंने कहा कि कीस के बच्चों ने जो प्रयास किया, ओडिशा के लिए गौरव का प्रतीक बना है और यह प्रयास विश्व रिकॉर्ड बना है। उन्होंने इसके लिए सभी शुभचिंतकों को बधाई दी।
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