घूस लेने वालों के खिलाफ आए दिन कार्रवाई की जाती है। उन्हें घूस लेते रंगेहाथों पकड़ा जाता है। मीडिया में खबर चलने के बाद समाज में काफी बदनामी होती है ऊपर से सजा अलग भुगतनी पड़ती है। इतना सबकुछ होने के बावजूद आज भी घूसखोर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि इनको किसी का डर नहीं है।
सरकार की तरफ से मिलने वाली सैलरी से इनको संतोष नहीं है। यही कारण है कि ये अवैध पैसा अर्जित करने के लिए गलत काम करते हैं और फिर एक दिन पकड़े जाते हैं। क्योंकि कहा गया है कि गलत काम का गलत नतीजा ही मिलता है। इस बार झारखंड की राजधानी रांची के रातू थाने में तैनात दारोगा सत्येंद्र सिंह को 35 हजार कैश घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। केस हल्का करने के नाम पर दारोगा पैसे लेकर बुलाया था तभी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने घूसखोर दारोगा को धड़ दबोचा।
बताया जाता है कि बबिता देवी नामक महिला की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई की। बबीता के पति एक मामले में आरोपी है। दारोगा सत्येंद्र सिंह उनके पति के केस के आईओ हैं। महिला ने दारोगा से पति के केस की जांच करने और न्याय दिलाने की बात कही तो दारोगा ने केस डायरी मैनेज करने के लिए बबिता देवी से घूस की मांग की। बबिता देवी जब भी पति के केस की प्रगति रिपोर्ट को जानने के लिए थाने आती थी दारोगा कार्रवाई का आश्वासन देता था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।
हर वक्त रिश्वत की ही मांग करता था। कहता था कि बिना घूस दिये आपका काम नहीं होगा। पति का केस हल्का कराना है तो 35 हजार लेकर आएं। दारोगा ने बिना पैसा दिये मदद करने से इनकार कर दिया। बबिता देवी दारोगा के रवैय्ये से परेशान थी वो एंटी करप्शन ब्यूरों के दफ्तर पहुंच गयी और दारोगा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। फिर क्या था महिला के आरोप कितना सच है यह पता लगाने में एसीबी की टीम जुट गयी और आज 35 हजार कैश घूस लेते दारोगा को दबोच लिया।