देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर लाखों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। हर दिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या की वजह से प्रशासन ने भी व्यवस्था बनाए रखने में पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने चार धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि इससे यात्रियों के लिए बनाई गई व्यवस्था में दिक्कत हो रही थी। उत्तराखंड सरकार की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में बयान भी जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही चार धाम यात्रा पर आने की सलाह दी है, ऐसा न करने पर उन श्रद्धालुओं को रास्ते से ही लौटा दिया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार के आदेश के मुताबिक, अब केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लग गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में दिशा -निर्देश जारी करते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इस दौरान कई लोग ऐसे भी पहुँच रहे जो आस्था नहीं बल्कि केवल घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुँच रही है। कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि यहाँ आस्था को कोई ठेस न पहुँचाए। धार्मिक भावनाएँ आहत नहीं होनी चाहिए। इसीलिए मोबाइल फोन पर बैन लगाने जैसा कदम उठाया गया है।
फेक न्यूज फैलाने पर होगी कार्रवाई
सचिवालय में बुधवार (15 मई 2024) को हुई बैठक में मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा पर दुष्प्रचार करने वाले तथा यात्रा के सम्बन्ध में फेक न्यूज या वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर यात्रियों के लिए भोजन, पानी, शौचालय आदि की अच्छी व्यवस्था की गई है। कहीं भी कोई भगदड़ अब तक नहीं मची है। अगर कोई ऐसी अफवाह फैलाता है तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बिना रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएँगे दर्शन
इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सारी व्यवस्था की गई है। हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएँ। बहुत सख्त जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर बिना रजिस्ट्रेशन के कोई गाड़ी दिखती है या यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के उत्तराखंड में पहुँचते हैं, तो जाँच में पकड़े जाते ही उन्हें तुरंत लौटा दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ही इसीलिए की गई है, ताकि श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से सरकार व्यवस्था बनाए।