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चोकर्स’ का टैग हटाकर साउथ अफ्रीकी टीम पहुंची फाइनल में, अब इतिहास रचने से महज एक कदम दूर

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साउथ अफ्रीकी टीम को “चोकर्स” कहा जाता रहा है. लेकिन इस बार इस टीम ने इतिहास रच दिया. पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचकर साउथ अफ्रीकी टीम ने एक हद तक चोकर्स का टैग हटा दिया है. हालांकि इस टीम को फाइनल मैच खेलना है. फाइनल मैच जीतने के बाद भी यह बात कहा जा सकेगा कि चोकर्स का टैग अफ्रीकी टीम ने मिटा दिया है. बता दें कि साउथ अफ्रीकी टीम का परफॉर्मेंस टी-20- वर्ल्ड कप में शानदार रहा है. गेंदबाजी से लेकर बल्लेबाजी तक, हर एक डिपार्मेंट में टीम ने अच्छा खेल दिखाया है.

चोकर्स’ क्यों कहा जाता रहा है साउथ अफ्रीकी टीम को

दरअसल, वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में यह टीम बड़े मैचों में हारकर टूर्नामेंट में से बाहर हो जाती रही है. टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाने के बाद भी टीम आखिरी समय में अहम मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो जाती रही है. इस टीम का यह इतिहास रहा है. लेकिन 2024 टी20 वर्ल्ड कप में टीम फाइनल में पहुंचकर अपने ऊपर लगे चोकर्स के टैग को हटाने की भरसक कोशिश कर रही है. साउथ अफ्रीकी टीम अपने खराब किस्मत के सहारे विश्व कप का खिताब जीतने से चूक जाती रही है.

1992 का सेमीफाइनल “रेन रूल्स” ने बिगाड़ा समीकरण

साल 1992 का विश्व कप सेमीफाइनल कौन भूल सकता है जिसने साउथ अफ्रीकी टीम को चोकर्स का टैग दिया. किस्मत और नियम के चलते टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी. 1992 का विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीकी टीम खेल रही थी. टीम 252 रन के टारगेट का पीछा कर रही थी लेकिन बारिश ने खेल बिगाड़ दिया था. एक समय साउथ अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 13 गेंद में 22 रन बनाने थे. लेकिन फिर बारिश ने खेल बिगाड़ दिया. बारिश के कारण मैच को रोकना पड़ा. 12 मिनट तक खेल रूका रहा. लेकिन जब बारिश रूकी और मैच फिर से शुरु हुआ तो एक ओवर घटा दिया गया और टीम को नया टारगेट सात गेंदों पर 22 रन था.लेकिन इसके बाद ‘रेन रूल्स के मुताबिक साउथ अफ्रीका को एक गेंद में 22 रन का टारगेट नया दिया गया.जो मुमकिन नहीं था. इसके बाद टीम हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी.

1999 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल

ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मैच खेला गया था. मैच टाई हुआ था जिसके कारण साउथ अफ्रीकी टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 213 रन बनाए थे, वहीं, जब साउथ अफ्रीकी टीम ने लक्ष्य का पीछा किया तो आखिर ओवर में 9 रन चाहिए थे. क्लूजनर ने आखिरी ओवर की पहले दो गेंद पर 2 चौके लगाए थे. अब टीम को 4 गेंद पर 1 रन चाहिए थे. आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर क्लूजनर ने शॉट मारा, एलन डोनाल्ड नॉन स्ट्राइक एंड पर मौजूद थे. क्लूजनर से शॉट खेलकर डोनाल्ड को रन लेने के लिए बोला, आखिरी विकेट के तौर पर डोनाल्ड रन आउट हो गए और जीता हुआ मैच टाई हो गया. लेकिन सुपर 6 स्टेज में ऑस्ट्रेलिया ने अफ्रीकी टीम को हराया था जिसके कारण फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम पहुंची थी. ये दो ऐसे मौके रहे थे जिसने साउथ अफ्रीकी टीम पर चोकर्स का टैग लगा दिया था. हालांकि इसके बाद भी वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम अहम मैच हारती रही जिसके कारण चोकर्स का टैग अफ्रीकी टीम पर बना रहा.

टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में अफ्रीकी टीम ने बदली किस्मत

2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम ने शानदार खेल दिखाया है. अपने ग्रुप स्टेज में टीम ने 4 मैच खेले और चारों में जीत हासिल की. इसके बाद सुपर 8 में टीम में भी टीम ने अपने तीनों मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. यानी अजेय बनकर टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी.

सेमीफाइनल में भी मिली जीत

इसके बाद सेमीफाइनल में टीम ने अफगानिस्तान को रौंदकर फाइनल में जगह बना ली है, पहली बार टीम फाइनल में पहुंची है. 29 जून को टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल साउथ अफ्रीकी टीम खेलेगी. अपने क्रिकेट इतिहास में पहली बार यह टीम विश्व कप का फाइनल खेलने वाली है. अबतक यह टीम टी-20 व्लर्ड कप में अजेय रही है.


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