छठे चरण के चुनाव में भी घर से नहीं निकले वोटर्स, गोपालगंज में पांच परसेंट कम वोटिंग, वैशाली और पश्चिमी चंपारण में 58 फीसदी से ज्यादा मतदान

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लोकसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग खत्म हो गई है। छठे चरण में बिहार के आठ सीटों पर मतदान हुआ। जिसमें वाल्मिकीनगर, प. चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, महाराजगंज, सिवान और वैशाली शामिल है। जहां पिछले पांच चरणों की मुकाबले में वोटिंग परसेंट थोड़ा बेहतर नजर आया। हालांकि 2019 में वोटरों के बीच जो उत्साह नजर आया था, वह इस बार कम नजर आया। खास तौर तीन से पांच बजे तक वोटिंग परसेंट बेहद धीमा रहा। चुनाव खत्म होने तक गोपालगंज सीट ऐसा रहा, जहां सबसे कम वोटिंग हुई है।

शाम छह बजे तक वोटिंग खत्म होने तक बिहार में 55.45 फीसदी के करीब मतदान हुआ है. जबकि 2019 में 58.47 था । इस प्रकार तीन परसेंट कम वोटिंग हुआ है। हालांकि यह अंतिम आंकड़ा नहीं है। जिसमें सबसे अधिक वैशाली जिले में मतदान हुआ। यहां वोटिंग खत्म होने तक 58.50 फीसदी मतदान हुआ। 2019 में भी यहां 61.85 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस तरह यहां वोटिंग परसेंट में लगभग तीन परसेंट की कमी आई है।

इसी तरह वाल्मिकी नगर में भी 58.28 फीसदी वोटिंग हुई है। यहां 2019 में 61.98 परसेंट वोटिंग हुई थी। ऐसे में यहां ढाई परसेंट परसेंट कम वोटिंग हुई है। पश्चिम चंपारण में भी वोटिंग परसेंट 2019 के मुकाबले कम दर्ज हुआ। यहां 2019 में 61.79. फीसदी वोटिंग हुई थी। इसबार यह आंकड़ा 60 फीसदी तक भी नहीं पहुंच सका। यहां शाम छह बजे तक 59.75 फीसदी वोटिंग हुई है. उसी तरह पूर्वी चंपारण में सुबह से जो उत्साह वोटरों में नजर आ रहा था, शाम तक वह कम हो गया। यहां वोटिंग खत्म होने तक 57.30 फीसदी वोटिंग हुई है। 2019 में पूर्वी चंपारण में 59.94 फीसदी वोटिंग हुई थी।

महारागज, गोपालगंज,शिवहर सिवान में कम रहा वोटों का प्रतिशत

बिहार में आज जिन सीटों पर वोटिंग हुए उनमें महाराजगंज, सिवान, गोपालगंज और शिवहर भी शामिल है। जहां पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में वोटिंग परसेंट में गिरावट दर्ज की गई। जहां शिवहर में वोटिंग खत्म होने तक 56 फीसदी वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 59.40 परसेंट वोटिंग हुई थी, इसलिए यहां वोटिंग में ज्यादा अंतर नहीं रहा। यहां रितु जायसवाल और लवली आनंद के बीच सीधा मुकाबला है।

गोपालगंज और सिवान ऐसी सीट है, जहां इस बार सबसे कम वोटिंग हुई है। मतदान खत्म होने तक गोपालगंज में सिर्फ 50.70 फीसदी वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 55.78 वोटर्स ने मतदान किये थे। इस तरह यहां पांच  परसेंट कम वोटिंग हुई है। जो कि बहुत बड़ा अंतर माना जा रहा है। वहीं पड़ोसी जिले सिवान में भी इस बार कम वोटिंग हुई है। मतदान खत्म होने तक 52.50 फीसदी के करीब वोटिंग हुई है। यहां 2019 में 54.73 वोटिंग हुई थी। ऐसे में दो परसेंट से ज्यादा की कमी आई है।

महाराजगंज सीट पर भी वोटिंग परसेंट 2019 की तुलना में इस बार कम रहा है। यहां मतदान खत्म होने तक 51.27 फीसदी वोटिंग हुई है। जो कि पिछले बार की तुलना में थोड़ा कम है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 53.80 फीसदी मतदान कराए गए थे।