जज साहब माँ को जमानत न दे, बाहर आते ही ये हमे मरवा देगी, बेटों ने कहा
जज साहब माँ को जमानत न दे, बाहर आते ही ये हमे मरवा देगी, बेटों ने कहा
MP के उज्जैन की अदालत में दो बेटों ने अपनी ही मां की जमानत का विरोध किया। बेटों ने कोर्ट से कहा कि अगर मां जेल से बाहर आती है तो उन्हें जान से मरवा देगी।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया। पूरा मामला उज्जैन में दो महीने पहले हुए हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। उज्जैन के बिलौटीपुरा के रहने वाले मिश्रीलाल राठौर की 11 मई 2024 को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या करवाने का आरोप मिश्रीलाल की पत्नी कृष्णा बाई पर लगा।
कृष्णाबाई ने रिश्तेदार माया के साथ मिलकर गोपाल चौधरी और करण नाम के युवक को वारदात को अंजाम देने के लिए सुपारी दी थी. पूरे मामले में जीवाजीगंज थाने की पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करते हुए मृतक की पत्नी व अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वकील विनोद शर्मा ने बताया कि कृष्णा बाई ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिस पर मृतक मिश्रीलाल के बेटे लोकेश राठौर और निकलेश ने कोर्ट में आपत्ति जताई थी।
कोर्ट के सामने जमानत नहीं देने की गुहार लगाई थी. साथ ही यह भी कहा था कि अगर कृष्णा बाई को जमानत दी जाती है तो इससे हमारी जान को भी खतरा है। इस आपत्ति पर विचार करने के बाद कोर्ट ने कृष्णा बाई का जमानती आवेदन निरस्त कर दिया। कृष्णा बाई ने जमानती आवेदन लगाने के साथ कोर्ट को एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें बताया गया था कि उसे झूठा फंसाया गया है. वह उज्जैन की निवासी है, इसीलिए उसके द्वारा फरार होने या साक्ष्य प्रभावित करने जैसी कोई बात नहीं है।
पूरी घटना 11 मई 2024 की है, जब बिलौटीपुरा में रहने वाले मिश्रीलाल राठौर रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक कर अपने दोस्त तेजसिंह के साथ घर लौट रहा था. मिश्रीलाल के घर के सामने एक नाश्ते की दुकान है। तेजसिंह इस दुकान पर नाश्ता कर ही रहा था कि तभी उन्हें मिश्रीलाल की चीखने की आवाज सुनाई दी थी. तब उन्होंने देखा था कि एक युवक मिश्रीलाल को चाकू मार कर भाग रहा है।
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