राज्य के सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क से लेकर बच्चों के लिए बैग आदि की खरीद की जांच कराई जाएगी। करीब 885 करोड़ रुपये की योजना से हाल ही में स्कूलों के लिए सामान की खरीद की गई है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में जांच की घोषणा की।जदयू के संजीव कुमार सिंह के साथ एक दर्जन विधान पार्षदों ने ध्यानाकर्षण लाकर शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के द्वारा लिए गए अंसवैधानिक निर्णयों एवं वित्तीय अनियमितता की जांच कराने की मांग सरकार से की थी।
जदयू के संजीव कुमार सिंह ने कहा कि विकास के नाम पर बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने सभापति की अनुमति ने सदन में स्कूल बैग और उसमें रखे बोतल को दिखाते हुए कहा कि यह 100 रुपये में मिलने वाला स्कूली बैग बच्चों को 1200 रुपये बताकर दिया जा रहा है। बैग के साथ 15 रुपये की बोतल भी है।
उन्होंने स्कूलों में मानक के अनुरूप बेंच-डेस्क आपूर्ति नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बेंच में 22 एमएम की प्लाईवुड की जगह 16 एमएम की प्लाईवुड लगाई गई है। इसी तरह 30 रुपये की थाली की 70 रुपये में खरीद हो रही है। उन्होंने सबमर्सिबल पंप लगाने में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया गया।शिक्षा मंत्री ने कहा- मामला संज्ञान में, जांच के लिए कहा गया है
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ मामले संज्ञान में हैं। स्कूलों में जितने भी सबमर्सिबल पंप लगाए गए हैं, उसकी पीएचईडी विभाग से जांच कराने के लिए कहा गया है। बेंच-डेस्क खरीद की जांच के लिए भी सभी डीएम को पत्र लिखा गया है।
किशनगंज जिले में जांच के बाद दोषी अफसर पर कार्रवाई भी की गई है। मंत्री ने कहा कि कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को बैग के साथ पानी की बोतल और पेंसिल बाक्स देना है। एक बैग की कीमत 1200 या एक हजार नहीं बल्कि 500 रुपये शिक्षा मंत्री ने कहा कि समान रूप से हर जगह गड़बड़ी हुई है, यह सही नहीं है। बेंच-डेस्क से लेकर सबमर्सिबल पंप तक जिसे जिले में भी गड़बड़ी होगी, उसकी जांच कराई जाएगी। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।है।