केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि जन-धन और बुनियादी बचत खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। पूरक सवाल में पूछा गया था कि पिछले पांच वर्षों के भीतर बैंक खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्राहकों से करीब 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया, जिसके जवाब में वित्त मंत्री ने सदन को यह जानकारी दी।
सीतारमण ने अपने जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) और बुनियादी बचत खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। सीतारमण ने कहा कि बैंक खाते में न्यूनतम राशि रखने का प्रावधान पीएमजेडीवाई और बुनियादी खातों पर लागू नहीं होता है। यह केवल उन लोगों के लिए है, जिनकी न्यूनतम राशि एक निश्चित स्तर पर होने की उम्मीद है।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में सदन को बताया कि साइबर अपराध के मामले में एक बात है लेकिन वित्त संस्थानों, खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से संबंधित धोखाधड़ी या ई-धोखाधड़ी के मामले में प्रत्येक बैंक के मामले में ग्राहकों को मुआवजा दिया गया है।