जब माँ बुढ़िया काली की शोभा यात्रा लेकर निकलते थे कामेश्वर यादव, पूरे शहर की रहती थी उनपर नजर
करीब छह साल पहले जब भागलपुर दंगा मामले में कामेश्वर यादव जेल से रिहा हुए थे तो उस वक्त समर्थकों ने खूब खुशी जाहिर की थी। जेल से निकलने के बाद कामेश्वर ने परबत्ती पहुंचकर बुढ़िया काली की आरती उतारी थी। जब वे जेल से निकले थे तो बाबा बूढ़ानाथ और बुढ़िया काली के दर्शन किए।
उस वक्त उन्होंने कहा था कि किस्मत खराब थी इसलिए दस साल जेल में रहना पड़ा। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा था कि कोर्ट का आदेश आने में काफी समय लग गया था। लेकिन अच्छी बात यह रही कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिला। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अब बाकी जिंदगी समाजसेवा में लगाऊंगा। अब जब उनका निधन हो गया तो विभिन्न समाज के लोगों ने शोक व्यक्त किया है। कामेश्वर यादव पर 24 अक्टूबर 1989 को मो. कयूम की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा था। इसकी प्राथमिकी कयूम के भाई मो. नसीरउद्दीन ने 7 फरवरी 1990 को दर्ज कराई थी। नसीरउद्दीन ने आरोप लगाया था कि के कयूम जिस भीड़ में गोली का शिकार हुआ उसमें करीब 200 लोग थे और इसका नेतृत्व कामेश्वर यादव कर रहे थे। पुलिस ने 31 मार्च 1990 को पहली चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद पुलिस ने भागलपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे सात के कोर्ट में 25 मार्च 2006 को अंतिम चार्जशीट दाखिल की थी और कामेश्वर यादव को आरोपी बनाया था। कोर्ट ने केस का ट्रायल 10 जून 2007 को शुरू किया था।
तहकीकात को कोर्ट ने बताया था गलत
निचली अदालत से सजा सुनाने के बाद कामेश्वर यादव ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। तब हाईकोर्ट में जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह के सिंगल बेंच ने कहा था कि केस की तहकीकात सही नहीं हुई। सूचक और अन्य गवाहों की गवाही भी सही नहीं हुई। कोर्ट ने घटना के तीन महीने 16 दिन बाद एफआईआर दर्ज होने पर भी सवाल उठाया था। इसी आधार पर सिंगल बेंच ने कामेश्वर यादव को आरोप मुक्त कर दिया था।
कामेश्वर यादव का अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह 11 बजे उनके आवास से निकाली जाएगी। बरारी घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे अपने पीछे बेटा-बेटी, पोता व बहू समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। निधन की सूचना पर शहर के बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी उनके आवास पर पहुंचे। सभी ने उनके निधन को भागलपुर के लिए अपूरणीय क्षति बताया। केंद्रीय काली पूजा महासमिति के अध्यक्ष बृजेश साह ने कहा कि कामेश्वर यादव महासमिति में महामंत्री भी रहे चुके थे। विषहरी महारानी केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष भोला कुमार मंडल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार, महासचिव शशि शंकर राय, उपाध्यक्ष दिनेश मंडल, श्यामल किशोर मिश्र, कैलाश यादव, राजीव शर्मा, बबलू भगत, शिव कुमार सिंह, गौतम वर्मा, संजय हरि, रूपा साह, पिंकी बागोरिया, छांगुरी शर्मा ने कहा कि उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। दुर्गा पूजा महासमिति के कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने भी शोक जताया।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.