जमाबंदी के अलावा दाखिल-खारिज और परिमार्जन से भी मोबाइल नंबर को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू
राज्य में लोगों के जमीन की जमाबंदी को मोबाइल नंबर से जोड़ा जा रहा है। इसके अंतर्गत नई और पुरानी दोनों तरह की जमाबंदी के अलावा दाखिल-खारिज और परिमार्जन से भी मोबाइल नंबर को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। पहले से राज्य में मौजूद 4 करोड़ 10 लाख से अधिक जमीन की जमाबंदियों को आधार से जोड़ने का काम चल रहा है। इसके अलावा अब इसे मोबाइल नंबर से भी जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जिन जमीन के दस्तावेजों को आधार से जोड़ा जा रहा है उनमें दर्ज मोबाइल नंबर को संबंधित जमाबंदी से जोड़ दिया जा रहा है। अगर किसी में मोबाइल नंबर नहीं है, तो इसे संबंधित व्यक्ति से पूछकर जोड़ा जा रहा है। आधार नंबर को जोड़ने के अतिरिक्त प्रखंड स्तरीय कार्यालय में ही जमाबंदी से मोबाइल नंबर को जोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
ऐसे जुड़ेगा नंबर कर्मचारी लोगों से उनके मोबाइल नंबर पूछकर संबंधित जमाबंदी में जोड़ेंगे। लोग चाहे, तो वे स्वयं भी सीओ कार्यालय में आकर अपने मोबाइल नंबर को जमाबंदी से जुड़वा सकते हैं। कोई व्यक्ति एक या अधिकतम तीन मोबाइल नंबर को किसी एक जमाबंदी से जोड़ सकते हैं।
प्रायोगिक तौर पर जोड़े गए नंबर प्रारंभिक प्रयोग के तौर पर शुरुआत में 1 से 2 हजार लोगों के मोबाइल नंबर को उनकी जमाबंदी से जोड़ा गया है। इस प्रयोग के साकारात्मक परिणाम मिलने के बाद अब इसे व्यापक स्तर पर लागू किया जा रहा है।अंचल कार्यालयों को इसे आधार सीडिंग के साथ ही अभियान के तौर पर करने के लिए कहा गया है।
जमीन की सभी जमाबंदी को आधार से जोड़ने का काम दिसंबर तक हर हाल में पूरा कराने का लक्ष्य है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस बावत सभी अंचलों को निर्देश दिया है।
यह होगा इससे फायदा
● मोबाइल नंबर से जोड़ने से संबंधित व्यक्ति को इसमें किसी तरह का परिवर्तन होने पर तुरंत मैसेज चला जाएगा।
● किन्हीं की जमीन के दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन से जुड़ा बदलाव होता है, तो मैसेज मोबाइल पर आ जाएगा।
● दूसरे के नाम से या गलत तरीके से जमाबंदी या दाखिल-खारिज की कोशिश का पता मालिक को चल जाएगा।
● आधार को जमाबंदी से जोड़ने का चल रहा काम
सभी जमाबंदी से मोबाइल नंबर को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस कार्य को व्यापक रूप से अभियान के तौर पर किया जाएगा। इससे लोगों को जमीन से जुड़े किसी बदलाव की जानकारी मोबाइल पर मिल सकेगी। -जय सिंह, सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
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