ऑनलाइन डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार के लिए पोर्टल परिमार्जन प्लस में जल्द ही कई नई सेवाएं जुड़ेंगी। फिलहाल इस पोर्टल पर पुरानी ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार का विकल्प दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. दिलिप कुमार जायसवाल के मुताबिक आने वाले दिनों में जमाबंदी की सभी त्रुटियां इस पोर्टल के माध्यम से सुधारी जाएंगी।
ऑनलाइन दाखिल खारिज के निष्पादन के बाद कायम की गई जमाबंदी में ऑनलाइन सुधार होगा। किसी मौजा की जमाबंदी अगर दूसरे मौजे में दर्ज हो गई है तो उसका भी सुधार हो जाएगा। दो या दो से अधिक मौजे का जमाबंदी एक ही मौजा में कायम है तो उसमें भी ऑनलाइन सुधार का विकल्प दिया जा रहा है।
मूल जमाबंदी को लेकर आया ये अपडेट
उन्होंने बताया कि मूल जमाबंदी पंजी में जमाबंदी कायम है, लेकिन उसका डिजिटाइजेशन नहीं हो पाया है या मूल जमाबंदी पंजी में ही जमाबंदी कायम नहीं है तो उसका निदान भी परिमार्जन प्लस पोर्टल पर किया जाएगा। डॉ. जायसवाल ने बताया कि पुरानी जमाबंदियां जो आनलाइन हो चुकी हैं, उसमें कई तरह की त्रुटियां सामने आ रही हैं।
डिजिटाइज्ड जमाबंदी में रैयत के नाम, पिता के नाम, जाति और पता में भी त्रुटि की शिकायत मिल रही है। डिजिटाइज्ड जमाबंदी में दर्ज खाता, खेसरा, चौहद्दी एवं रकबा का विवरण दर्ज करने में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। इन सभी त्रुटियों को सुधारने के लक्ष्य के साथ नया पोर्टल शुरू किया गया है।
रैयत सुधार के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ ऑनलाइन आवेदन करेंगे। समय-सीमा के भीतर सुधार कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा, रकबा अंकित है, ऐसे मामलों में अंचलाधिकारी मूल जमाबंदी पंजी के आधार पर त्रुटियों का निवारण कर सकते हैं।