जश्न के बाद जमीन पर न फेंके जाये कागज से बने झंडे, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

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देशभर में गणतंत्र दिवस की तैयारियां धूमधाम से चालू हैं। भारत इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस से पहले, गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक सर्कुलर जारी किया है।

सर्कुलर में कहा गया है कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसरों पर जनता द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कागज से बने झंडों को इवेंट के बाद फेंका न जाए या जमीन पर न गिराया जाए। गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसे झंडों का निपटान, झंडे की गरिमा के अनुरूप, निजी तौर पर किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। MHA ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह से पहले राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का भी पालन किया जाए।

झंडे की गरिमा का रखा जाए ध्यान- MHA गृह मंत्रालय ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और सरकारी मंत्रालयों के साथ-साथ विभागों से इस संबंध में एक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने और इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से इस बारे में प्रचार करने का भी अनुरोध किया है।

मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों के साथ-साथ भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को शुक्रवार को पत्र जारी किया। झंडा फहराने की सही जानकारी देने को शिक्षकों की टीम मुजफ्फरपुर में गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने की सही जानकारी देने को शिक्षकों की टीम बनाई गई है।

डीएम की बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि जानकारी के अभाव में झंडा बांधने, फहराने, उतारने के दौरान न चाहते हुए भी गलतियां हो जाती हैं। डीईओ ने निर्देश दिया है कि सभी बीईओ अपने प्रखंड के झंडा बांधने, फहराने, उतारने के अनुभवी बीआरपी, प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षिकाओं की 5-7 सदस्यीय टीम बनाकर क्षेत्र के अंदर आने वाले सरकारी।

निजी विद्यालय प्रधानों की एक प्रशिक्षणशाला का आयोजन कराएंगे। इस काम के लिए अनुभवी प्रधानाध्यापक, शिक्षकों एक टीम तैयार रखी जाए और उनका नाम, मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया जाए ताकि किसी विद्यालय प्रधान को झंडा बांधने, फहराने में कोई कठिनाई हो तो उनसे संपर्क कर सहायता ली जा सके।

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