जिस पत्नी की हत्या के इल्जाम में काटी जेल की सजा, 14 साल बाद आई सामने
वैसे तो ऐसा किसी फिल्म में ही होता है कि मरा हुआ लौट आए. लेकिन जब असलियत में कोई ऐसी घटना घटती है तो हर किसी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है और मन मानने को तैयार नहीं होता है. लेकिन जब शख्स सामने खड़ा हो तो हर कोई इस बात को सच मान लेता है.
दरअसल, जिस महिला की हत्या के आरोप में पूरा ससुराल पक्ष सलाखों के पीछे था, वह महिला करीब 14 साल बाद वापस लौट आई. यहां तक की पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सास-ससुर और पति को आरोपित बनाते हुए सजा तक की मांग कर दी थी. पुलिस की स्क्रिप्ट में तीनों आरोपी की सजा तक तय माने जा रही थी. लेकिन 14 साल बाद बबिता नाम की महिला अपने सुसराल सरैया गोपाल वापस अपने घर लौट आई.
यह कहानी कोई फिल्मी नहीं है बल्कि यह कहानी है पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड के सरैया गोपाल की. शिबहर के शिवचन्द्र राम ने 2001 में अपनी बेटी बबिता की शादी बिजय राम के साथ धूमधाम से की थी. वही 2010 में किसी के बहकावे में आकर बबीता घर से भाग गई और लड़की के परिवार वालों ने 2010 में लड़की वाले ने हत्या और लाश को गायब करने का मामला थाने में दर्ज कराया. पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो लगातार जांच के नाम पर कभी दिल्ली तो कभी नेपाल तक चक्कर लगाया.
इसके बाद पीड़ित रामप्रसाद राम और उनके बेटे व पत्नी को जेल भेज दिया. पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने जांच के नाम पर पुलिस ने खूब पैसे लिए थे. निर्दोषों के लिए पुलिस ने चार्जशीट तक तैयार कर दी. करीब 6-7 महीने सजा काटने के बाद परिवार को आर्थिक, मानसिक और सामाजिक प्रस्तावना भी झेलना पड़ा और भगवान ने पीड़ित रामप्रसाद राम की विनती सुन ली और 14 साल बाद गायब महिला बबिता कुमारी अपने ससुराल वापस आ गई.
महिला के मिलने की बात पता चलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कोर्ट में महिला का बयान दर्ज करवाया और पीड़ित को न्याय मिल सका, जिस हत्या के मामले में रामप्रसाद राम जेल की सलाखों के पीछे गए थे, वो महिला के वापस आने से बड़े जंजाल से मुक्त हो गए हैं. महिला अब अपने ससुराल रहना चाहती है. लेकिन सबकुछ खत्म हो गया. क्योंकि ससुराल वाले अब वैसे महिला को नहीं रखना चाहते हैं, जिसने अपने पूरे परिवार की तबाही कर दी है.
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