महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक डॉक्टर और उनकी बेटी के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, हालांकि उनकी हालत स्थिर है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।पुणे नगर निगम (पीएमसी) के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर को बुखार आया और शरीर पर चकत्ते हो गए। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल ने उनके रक्त के नमूने यहां के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को जांच के लिए भेजे थे। 21 जून को रिपोर्ट आई। इसमें चिकित्सक के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। चिकित्सक पुणे के एरंद्वाने इलाके का रहने वाले हैं। डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद उनके परिवार के पांच सदस्यों के रक्त के नमूने भी जांच के लिए भेजे गए। जांच में उनकी 15 वर्षीय बेटी के संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी शुरू की
शहर में ये दो मामले सामने आने के बाद नगर निकाय के स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है। क्षेत्र में कोई अन्य संदिग्ध मामला नहीं है। लेकिन अधिकारियों ने मच्छरों के प्रजनन को रोकने को एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों के नमूने जुटाए हैं।
एडीज से फैलता है वायरस
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। मच्छर की इसी प्रजाति को डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। इस वायरस की सबसे पहले 1947 में युगांडा में पहचान हुई थी। जीका से गंभीर समस्या नहीं होती हैं, लेकिन गर्भवती महिला संक्रमित होती है तो उसके भ्रूण में माइक्रोसेफेली (ऐसी स्थिति जिसमें शिशु के सिर का आकार सामान्य से छोटा होता है) हो सकती है।
सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, हल्का बुखार, त्वचा पर रैशेज, त्वचा पर लालिमा, जोड़ों में दर्द लक्षण है।
उपाय
● फुल स्लीव्स के कपड़े पहनने चाहिए।
● मच्छरों से बचें। घर के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें।
● साफ-सफाई का खासतौर पर ध्यान रखें।
● ज्यादा आराम करें, डिहाइड्रेशन से बचें, खूब सारा पानी पीएं।