आईपीएल-2024 गेंदबाजों के लिए बुरा सपना साबित हुआ है। बल्लेबाजों की बेरहमी के बाद सवाल है कि क्या यह सिलसिला अमेरिका-वेस्टइंडीज में होने वाले टी-20 विश्व कप में भी जारी रहेगा। दिग्गजों का मानना है कि वहां हालात अलग होंगे। ऐसे में आईपीएल के विपरीत गेंदबाज बल्लेबाजों पर हावी हो सकते हैं।
आईपीएल में बल्लेबाज रन बनाने की गति को अविश्वसनीय स्तर पर ले गए थे। इस सत्र से पहले लीग में केवल एक बार 250 रन का आंकड़ा पार हुआ था। मगर इस बार टीमें आठ बार ऐसा करने में सफल रहीं। आईपीएल में बल्लेबाजी को नया आयाम देने वाले ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड और विंडीज के आंद्रे रसेल जैसे बल्लेबाज 2 जून से शुरू हो रहे टी-20 विश्व कप में भी दिखेंगे। इसलिए प्रशंसकों का एक बार फिर बल्लेबाजों के दबदबे की उम्मीद करना स्वाभाविक है।
मगर तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। वहां आईपीएल की तरह हालात नहीं होंगे। सबसे पहले तो टीमों को विश्व कप में इंपैक्ट खिलाड़ी की सुविधा नहीं मिलेगी। मिचेल स्टार्क ने कोलकाता नाइट राइडर्स को तीसरा आईपीएल खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने के बाद उस बात को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा था, आप अपने बल्लेबाजी ऑलराउंडर को आठवें नंबर पर नहीं रख सकते जैसा कि आपने आईपीएल किया था। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि टी-20 विश्व कप में आप इस तरह के बड़े स्कोर देखेंगे क्योंकि वहां एक बल्लेबाज कम होगा।
कहानी का एक हिस्सा और भी है। बल्लेबाजों को उन पिचों से भी निपटना होगा जो आईपीएल में इस्तेमाल की गई पिचों से बहुत अलग होंगी। एक अनुभवी क्यूरेटर ने, वेस्टइंडीज की पिचें अब वैसी नहीं हैं जैसी 80 या 90 के दशक में हुआ करती थीं। अब वे धीमी हैं और कई बार गेंद रुककर भी आती है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि गेंदबाज, विशेषकर स्पिनर आईपीएल की तुलना में कहीं अधिक भूमिका निभाएंगे, विशेषकर टूर्नामेंट के दूसरे सप्ताह से।
क्यूरेटर ने कहा, भारत ने अपनी टीम में चार स्पिनरों को शामिल किया है। यह शायद विंडीज की पिचों की प्रकृति के कारण था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम वहां 250 का स्कोर देख पाएंगे। अमेरिका में केवल फ्लोरिडा के पास हाई प्रोफाइल क्रिकेट मैचों की मेजबानी करने का पूर्व अनुभव है। न्यूयॉर्क और टेक्सास पहली बार इस खेल की मेजबानी की तैयारी कर रहे हैं। तो क्या इससे रन बनाने की दर पर असर पड़ेगा? क्यूरेटर ने कहा, हां, ऐसा हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर कहते हैं, कैरेबिया में पिचें सूखी होने के कारण गेंद खुरदरी होगी और स्पिन करने लगेगी। आईपीएल में गेंद की ऊपरी परत लंबे समय तक रहती है और इसलिए गेंद कम टर्न करती है। उन्होंने कहा, मैंने वहां काफी क्रिकेट खेला है। विकेट धीमे और कम उछाल वाले हो जाते हैं।
धीमी पिचों पर ऑलराउंडर होंगे अहम
धीमी पिचें वेस्ट इंडीज में पिचें पहले के मुकाबले धीमी हो गई हैं। ऐसे में गेंद पिच पर रुक कर आएगी तो बल्लेबाजों के लिए स्ट्रोक लगाना आसान नहीं होगा। टाइमिंग बेहद जरूरी होगी।
ड्रॉप इन पिचें
अमेरिका में ड्रॉप इन पिचों यानी दूसरी जगह से पिचें लाकर स्टेडियम में सेट की गई हैं। इनके बारे में बल्लेबाजों को कोई आईडिया नहीं है। ऐसे में शुरुआती मैचों में टीमें सतर्कता बरत सकती हैं।
धीमे गेंदबाज और स्पिनर
अधिकतर सभी शीर्ष टीमों में धीमे गेंदबाज और विश्वस्तरीय स्पिनर मौजूद हैं जो कम उछाल वाली पिचों पर ज्यादा मारक साबित हो सकते हैं।