केंद्र सरकार द्वारा नए परिवहन कानून लागू किए जाने के विरोध में सोमवार को बस और ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। गुस्साए चालकों ने अगमकुआं थाना क्षेत्र के एनआरएल पेट्रोल पंप के पास राजमार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। इधर बैरिया स्थित बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा रहा। टर्मिनल से बसों का परिचालन ठप होने के कारण यात्रियों को भारी फजीहत हुई। नए साल के पहले दिन घर जाने वाले लोग बस नहीं मिलने से भटकते दिखे।
सोमवार की शाम तक बस पड़ाव से बसों का परिचालन शुरु नहीं किया गया। फोरलेन पर जाम कर प्रदर्शन कर रहे चालकों का कहना था कि चालक जानबूझ कर धक्का नहीं मारता है। यदि दुर्घटना होने पर वह मौके पर से नहीं भागता है तो भीड़ के हाथों मारा जाएगा। चालक संघ के राजकुमार सिंह ने कहा कि जब चालक दस साल के लिए जेल चला जाएगा तो उसका परिवार सड़क पर आ जाएगा। इधर गांधी सेतु व राजमार्ग पर बसों का परिचालन नहीं होने के कारण यात्रियों की भीड़ लगी रही। प्रदर्शन में घनश्याम झा, यूपी के रंजीत सिंह मैनपुरी, उत्तराखंड से भूपेंद्र सिंह, हरदीप सिंह, पंजाब से सुविन्द्र सिंह, दयानन्द शर्मा, वकील यादव, रंजन यादव शामिल थे। चालकों के आंदोलन का असर ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिला। वाहनों को खड़ा करजाम कर दिया। पटना सिटी, खगौल, दानापुर, मसौढ़ी, धनरुआ फतुहा, दनियावां में भी हड़ताल से पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
पहले क्या था कानून
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा है। अब संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत घटना के बाद आरोपी भाग जाता है, पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा व जुर्माना होगा। इस प्रावधान का देश भर के ट्रक और बस चालक विरोध कर रहे हैं।