ट्रेन के शौचालयों की गंधवेध एप से अब होगी निगरानी

Screenshot 20240529 115608 Chrome

पूर्व रेलवे शौचालयों की वास्तविक समय पर सफाई और स्वच्छता की निगरानी के लिए तकनीक का सहारा लेने जा रहा है। गंधवेध एप से रेलवे सफाई पर निगरानी की तैयारी कर रहा है।

मध्य रेलवे मुंबई जोन के कुछ स्टेशन शौचालयों में इस प्रणाली के सफल परीक्षण के बाद, पूर्व रेलवे जल्द ही इसका परीक्षण करने जा रहा है। गंधवेध एप के साथ हावड़ा मंडल की 3 ट्रेनों, सियालदह मंडल की 3 ट्रेनों, आसनसोल मंडल की 2 ट्रेनों और मालदा मंडल की 2 ट्रेनों में फील्ड परीक्षण आयोजित किया जाएगा। ट्रेन के शौचालय की खराब अवस्था और स्वच्छता की स्थिति के मामले में उपकरण एक सिग्नल उत्पन्न करता है और नामांकित व्यक्ति को एसएमएस और वेब आधारित सिग्नल भेजता है।

मालदा रेलमंडल में संभावना है कि विक्रमशिला एक्सप्रेस में इस व्यवस्था को पहले लागू किया जाएगा। हालांकि मालदा रेल डिविजन से सीनियर डीसीएम एस. भट्टाचार्य ने बताया कि इस मामले को लेकर फिलहाल डिवीजन तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है।

ट्रेन के शौचालयों में गंदगी का पता लगाने के लिए रेलवे इंटरनेट ऑफ थिंग्स या आईओटी (IoT) तकनीक के इस्तेमाल की तैयारी कर रहा है. इस तकनीक में शौचालय में गंदगी की पहचान दुर्गंध या बदबू से की जायेगी और इसका पता सेंसर से लैस स्मार्ट सिस्टम लगायेगा. सेंसर हवा में अस्थिर यौगिकों और अणुओं की पहचान कर सूचना सेंट्रल हब या लैब को भेजेगा. इसके बाद सफाई कर्मचारियों को सूचना पहुंचायी जायेगी. रेलवे का मानना है कि इससे निगरानी सिस्टम तेज होगा और यात्रियों को शौचालयों के दुर्गंध से निजाद मिल सकेगी.

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के एक स्टार्टअप विलिसो टेक्नोलॉजीज (Viliso Technologies) को कुछ चुनिंदा ट्रेनों के टॉयलेट्स में तकनीक का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गयी है. पहले इसका उपयोग एलएलबी कोच में किया जायेगा. इसमें अहम व खूब भीड़-भाड़ वाली ट्रेनों को चुना जायेगा. वंदे भारत में भी इस तकनीक का परीक्षण होगा.

 

यहां यह बताना जरूरी है कि रेलवे के रेल मदद एप पर आने वाली बड़ी शिकायतों में अधिकांश शौचालयों की गंदगी को लेकर होती है. यह रेल यात्रियों की बड़ी पीड़ा है कि जब उन्हें तलब महसूस होती है तो शौचालय में कभी गंदगी, कभी पानी नहीं, कभी दुर्गंध की शिकायत आ जाती है. मजे की बात यह है कि रेलवे के तमाम दावों के बावजूद वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express), राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express), शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) जैसी ट्रेनों के टॉयलेट में बदबू की शिकायतें आती है.

 

कभी कभी यह स्थिति भी उत्पन्न होती है कि टॉयलेट तो साफ-सुथरे होते है लेकिन उनमें दुर्गंध होती है. सफाई के बाद भी यह दुर्गंध दूर नहीं होती और यात्रियों को इनका इस्तेमाल करने में परेशानी आती है. यही कारण है कि रेलवे नयी तकनीक का इस्तेमाल टॉयलेट्स की बदबू दूर करने के लिए कर रहा है.

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Recent Posts