पटनक : कड़ाके की ठंड में स्कूलों को खोलने के शिक्षा विभाग के आदेश के खिलाफ पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह अड़ गए हैं। डीएम 23 जनवरी तक आठवीं कक्षा के स्कूलों को बंद रखने के अपने आदेश पर कायम हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक को उन्होंने इस संबंध में कड़ा पत्र लिखा है।
सरकारी स्कूलों में कक्षा संचालित करने के शिक्षा विभाग के निर्देश को जिलाधिकारी ने मौजूदा हालात को देखते हुए अप्रासंगिक करार दिया है। डीएम ने अपने पत्र में कहा है कि कड़ाके की ठंड के मद्देनजर आठवीं तक स्कूल बंद किए गए हैं। स्कूल बंद करने से पहले शिक्षा विभाग की अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे जवाबी पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि पटना जिले में शीतदिवस की स्थिति और कम तापमान के हालात बने हुए हैं। इसके मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिले में आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूलों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थान को भी बंद किया गया है। धारा 144 के तहत ऐसे मामले में जिलाधिकारी के पास कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। इस आदेश की अवहेलना या उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 में दंडात्मक कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।
विभाग ने दिया था यह निर्देश
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सोमवार को ही पटना डीईओ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने पटना के सभी स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया। कहा कि पटना डीएम ने स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद करने का आदेश जारी किया है। जबकि,अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 20 जनवरी को पत्र जारी कर कहा था कि किसी भी स्कूल को बंद करने के पूर्व विभागीय अनुमति जरूरी है। पटना जिलाधिकारी के स्कूलों को बंद रखने के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए विभाग ने इसके विपरीत आदेश जारी किया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक का निर्देश अप्रासंगिक चंद्रशेखर
डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पत्र में लिखा है कि आदेश का उल्लंघन करने पर छह माह का कारावास या जुर्माने की सजा हो सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा स्कूल खोलने के निर्देशों को उनके क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए डीएम ने इसे विधि विरुद्ध और अप्रासंगिक बताया है। कहा है कि आवश्यकता हो तो कानूनी मंतव्य प्राप्त कर सकते हैं। डीएम ने पत्र की प्रतिलिपि पटना डीईओ को भी भेजी है।