प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा, तीन आपराधिक न्याय कानून ‘नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले’ की भावना के साथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को अब डंडा के बजाय ‘डाटा’ के साथ काम करने की जरूरत है।पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 58वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पुलिस को अब डंडा के साथ काम करने के बजाय ‘डाटा’ के साथ काम करने की जरूरत है।
बता दें कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को क्रमश भारतीय दंड संहिता-1860, दंड प्रक्रिया संहिता-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर हाल ही में अधिनियमित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानून में महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों और नए कानूनों के तहत उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा के बारे में जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।