डबल इंजन की सरकार में बिहार को नहीं मिला रेल का कारखाना : तेजस्वी यादव

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट में लिखा कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन हो रहा है। लालू के इस पोस्ट पर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी की प्रतिक्रिया आई है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि जब लालू जी मंत्री थे, तब उनके सहयोग से बिहार को करीब डेढ़ लाख करोड़ का विशेष पैकेज मिला था। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा डबल इंजन सरकार में बिहार के लिए कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया। 2004 में जब वह रेल मंत्री बने थे, पहली यूपीए की सरकार बनी थी तो बिहार में लालू जी ने कई कारखाने दिए थे। उसमें दरियापुर का कारखाना भी शामिल था। खुशी की बात है कि उस कारखाने से दो लाख पहियों का उत्पादन किया जा रहा है।

तेजस्वी ने आगे कहा, लेकिन यहां 11 साल से डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद एक भी नया रेल कारखाना नहीं दिया गया। बिहार को विशेष राज्य देने का वादा पूरा नहीं किया गया। आज रेल की स्थिति यह है कि टिकट महंगा हो गया है। समय से ट्रेन नहीं चल रही है, लेकिन रेल दुर्घटनाएं समय से हो रही हैं।

लालू प्रसाद यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है। रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने इसकी आधारशिला 29 जुलाई, 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए वरदान साबित हुआ। अब मेड इन बिहार रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना कर देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। बिहार के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण किया जा चुका है जिससे भारतीय रेलवे की विदेशों पर निर्भरता कम हो गई। मुझे यह बताते प्रसन्नता हो रही है कि हमारे द्वारा बिहार में स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है।

2004-05 में स्वीकृत तथा जुलाई 2008 में शुरू हुआ रेल पहिया प्लांट का निर्माण हमारे द्वारा बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार था कि बिना किसी विदेशी सहयोग के एक अत्यधिक परिष्कृत कारखाना देश में स्थापित किया गया। यह रेलवे इंजीनियरों की इन-हाउस क्षमता और विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ।

चारों तरफ नदियों से घिरा रहने और पानी लगने के कारण कारख़ाना स्थापित करने के लिए यह स्थल चुनौतियों से भरा था। लेकिन अपनी इच्छा शक्ति के दम पर हमने सभी कठिनाइयों को पार किया और 2008 में इसका उद्घाटन कर सिविल कार्य शुरू करवाया।

तेजस्वी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर कहा कि जब इसे लोकसभा में पेश किया गया तो हमने इसका विरोध किया। वक्फ बोर्ड पर हमारा रुख साफ है। यह पहले जैसा ही रहना चाहिए। जल्दबाजी में लाया गया बिल असंवैधानिक है। हमारे सांसदों ने भी सदन में इसका विरोध किया है। हम इसे लागू नहीं होने देंगे।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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