ऑनलाइन लेनदेन में ग्राहकों को किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक डिजिटल भुगतान खुफिया प्लेटफॉर्म स्थापित करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बताया कि यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल भुगतान तंत्र को मजबूत बनाने में कारगर साबित होगा। इसकी स्थापना के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक समिति बनाई है, जो इसके विभिन्न पहुलओं को समझकर काम करेगी। समिति से दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देने की उम्मीद है।
वास्तविक समय में डाटा साझा
खुफिया प्लेटफॉर्म से कई फायदे होंगे। इसके जरिये सभी प्रणालियों पर वास्तविक समय में डाटा साझा करने की सुविधा मिलेगी। इससे डिजिटल धोखाधड़ी रोकने में बहुत मदद मिलेगी। भारत में डिजिटल भुगतान प्रणालियों (बैंक, एपीसीआई, कार्ड नेटवर्क और पेमेंट ऐप्स) की ओर से ग्राहकों को धोखाधड़ी बचाने के लिए अलग-अलग तरह के कदम उठाए गए हैं।
न ब्याज दरें बढ़ीं, न ही ईएमआई घटी
रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.5 पर स्थिर रखा है। इससे न ब्याज दरें बढ़ी और न ईएमआई घटी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने महंगाई दर के लक्ष्य को पूर्ववत रखा है।