बिहार में रेल अवसरंचना, संरक्षा और यात्री सुविधाओं के विकास के लिए आम बजट में 10 हजार 33 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके तहत डीडीयू से झाझा के बीच 16 हजार करोड़ की लागत से तीसरी और चौथी लाइन बनेगी। यह बिहार के इतिहास में रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना होगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बजट प्रावधानों की जानकारी दी। वैष्णव ने बताया कि बिहार की रेल परियोजनाओं के लिए आम बजट 2024-25 में 10,033 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पूर्व की सरकार (औसतन 1132 करोड़) की तूलना में नौ गुना अधिक राशि दी गई है।
रेल मंत्री ने कहा कि बिहार में अभी 79356 करोड़ की 55 रेल परियोजनाएं चल रही हैं। राज्य के 92 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए भी राशि का आवंटन हुआ है।
इधर, दानापुर के डीआरएम जयंत कुमार चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि डीडीयू से झाझा तीसरी और चौथी लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा हो गया है। जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। वहीं, झाझा से मोकामा के बीच में ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली का काम अगले महीने से शुरू होगा। इसपर लगभग 150 करोड़ की धनराशि खर्च की जाएगी।किउल के पास अशोकधाम होकर बाइपास लाइन के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आरा में बाइपास लाइन बनाई जा रही है। भभुआ से दिलदारनगर के बीच 800 करोड़ की लागत से नई लाइन बनेगी। बजट में उत्तर बिहार की रेल परियोजनाओं के लिए भी बड़ी धनराशि का प्रावधान किया गया है। लेकिन, इसका विवरण अभी जारी नहीं हुआ है।