तत्काल टिकट बुकिंग में एजेंट करते हैं खेल; महज 20 से 30 सेकंड में विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से तत्काल टिकट कर लेते है बुक

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आईआरसीटीसी एजेंट तत्काल टिकट बुकिंग में खेल कर रहे हैं। एजेंट महज 20 से 30 सेकंड में विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से तत्काल टिकट बुक कर ले रहे हैं। हालांकि इससे रेलवे को तो कोई नुकसान नहीं होता। पर इसमें लूटते है तत्काल टिकट बुक करने वाले पैसेंजर्स। कंफर्म तत्काल टिकट के लिए एजेंट उनसे एक से दो हजार प्रति यात्री वसूलते हैं।

सॉफ्टवेयर की मदद से एजेंट जहां कुछ ही सेकंड में कंफर्म तत्काल टिकट निकाल लेते है। वहीं यदि कोई खुद तत्काल टिकट बुक कराने लगता है, तो डिटेल्स भरते-भरते उसका टिकट वेटिंग में चला जाता है जो कि ऑटो कैंसिल हो जाता है। इस कारण उनके सामने एजेंटों से टिकट बुक कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।

कहां से मिलता है सॉफ्टवेयर :

एजेंटों को यह सॉफ्टवेयर अंजान शख्स के जरिए या ऑनलाइन मिलता है। सॉफ्टवेयर के लिए एजेंटों को प्रति महीना एडवांस पे करना पड़ता है। एजेंटों को दो पीएनआर के लिए दो हजार रुपए, चार पीएनआर के लिए तीन हजार रुपए, दस पीएनआर के लिए छह हजार रुपए प्रति माह देना पड़ता है।

इन ट्रेनों में तत्काल के लिए है मारामारी :

वैशाली एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, अवध असम एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में तत्काल टिकट के लिए मारामारी होती है। समस्तीपुर से मुख्यत: दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चिन्नई, बेंगलूरू के लिए तत्काल टिकट की डिमांड ज्यादा होती है। इसी का लाभ उठाकर गड़बड़ी करने वाले यात्रियों से भी मनमानी रकम लेते हैं।